लखनऊ(संवाददाता)। अपनी मांगों व समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को कानून मंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात की। मंत्री के आवास पर हुई इस मुलाकात में वकीलों की कई मांगों पर बृजेश पाठक ने हामी भरी। प्रतिनिधि मंडल ने कानून मंत्री को भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादे की याद दिलाई। जिसमें भाजपा ने युवा वकीलों को हर महीने 5 हजार रुपए की आर्थिक मदद का वादा किया था। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। इस पर कानून मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्ष के अंदर पंजीकृत सभी नए वकीलों की सूची भेज दें। 7 दिन के अंदर इस मद में भुगतान करा दिया जाएगा। साथ ही कानून मंत्री ने वकीलों की असमय मौत पर मिलने वाली सहायता राशि में आयु सीमा भी बढ़ा दी है।
अब 70 वर्ष के अंदर मरने वाले अधिवक्ताओं के परिजनों को सरकार 5 लाख की आर्थिक मदद देगी। पहले यह आयु 60 वर्ष थी। इस मद में बने कारपस फण्ड के लिए सरकार ने तत्काल प्रभाव से 20 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। जिसके बाद कारपस फण्ड अब 200 करोड़ का हो गया है। प्रतिनिधि मंडल ने कार्पस फण्ड को 400 करोड़ करने की मांग की। इस पर प्रमुख सचिव न्याय ने कहा कि 400 करोड़ का कारपस फण्ड की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से मंजूरी मिलते ही धनराशि जारी कर दी जाएगी। कानून मंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि सरकार अधिवक्ता समाज की समस्याओं के प्रति गंभीर है। धन के अभाव में उनके हित प्रभावित नहीं होंगे। सरकार वकीलों और अदालतों की सुरक्षा को लेकर भी कटिबद्ध है। मंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधि मंडल में यूपी बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व लखनऊ हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रशान्त सिंह अटल के साथ ही अन्य तमाम वकील व न्याय अधिकारी मौजूद रहे।
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