गुवाहाटी के कार्डिक सर्जन धनी राम बरुआ ने दावा किया है कि उनके पास एचआईवी वायरस को जीन स्तर पर उखाड़ फेंकने का इलाज है। आपको बता दें ये वहीं सर्जन हैं, जिन्होंने एक सुअर के दिल को मानव शरीर में ट्रांसप्लांट कर दिया था, जिसके बाद बरुआ को जेल हुई थी। उन्होंने “It’s GTIDS, not AIDS” बुक लॉन्च करते हुए दावा किया कि उन्होंने जीन स्तर पर एचआईवी/एड्स का इलाज ढूंढ़ लिया है और उन्होंने अपने तरीके मरीजों को इलाज भी शुरू कर दिया है, जिसका नतीजा सकारात्मक दिखाई दे रहा है। बरुआ यूके बेस्ड कार्डिक सर्जन हैं जोकि सोनापुर के पास अपनी खुद की रिसर्च लैब चलाते हैं। बरूआ ने कहा कि मैंने देखा कि जो बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पेरेंट्स से पैदा होते हैं और उनमें एचआईवी के लक्षण नहीं दिखाई देते। हालांकि, जीन स्तर पर उनमें ये बीमारी होती है। लेकिन ज्यादात्तर मरीजों का रिजल्ट नेगेटिव ही दिखाई देता है। मैंने इसे पहली बार ढूंढ़ निकाला है और इसका नाम रखा है GTIDS। हमेशा विवादों में रनहे वाले बरुआ ने साथ ही दावा किया है कि एचआईवी/एड्स फैलने का GTIDS मुख्य वजह है। उन्होंने साथ ही कहा कि कोई भी खतरनाक बीमारी जो की जीन स्तर पर खत्म नहीं की जाती है तो वह दोबारा हो हो जाती है। लेकिन मैंने हमेशा ही बीमारियों को जीन स्तर पर खत्म करने की कोशिश की है। बरुआ ने पिछले साल भी दावा किया था कि उन्होंने एचआईवी/एड्स का इलाज ढूंढ़ निकाला है। उन्होंने कहा था कि उन्होंने पिछले सात-आठ साल में 86 एड्स मरीजों का इलाज कर दिया है।
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