लखनऊ। 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और यूपी की पूर्व सीएम रही मायावती को तगड़ा झगड़ा लगा है। मायावती के करीबियों में शामिल रहे और विधानसभा में नेता विरोघी दल स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीएसपी से इस्तीफा दे दिया। यहीं नहीं मौर्य ने पार्टी सुप्रीमो पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
पैसे लेकर विधानसभा चुनाव में टिकट बेच रहीं मायावती
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को मायावती पर विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने का गंभीर आरोप लगाते हुए बसपा से इस्तीफा दे दिया। पार्टी महासचिव ने आनन-फानन में बुलाए संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं बड़े ही भारी मन से पार्टी छोड रहा हूं। पार्टी अध्यक्ष मायावती पैसे लेकर विधानसभा चुनाव में टिकट बेच रहीं हैं। सुश्री मायावती ने अम्बेडकर के सपनों को भी बेच दिया।' मौर्य ने आरोप लगाया कि बसपा में दलितों की पूछ नहीं है। मायावती दिखावे के लिए अम्बेडकरवादी हैं। बसपा अध्यक्ष दिखावे के लिए ही अंबेडकर जयन्ती भी मनाती हैं। बसपा में सौदेबाजी और टिकटों की नीलामी होती है।
पूर्वांचल में बसपा का बड़ा चेहरा थे मौर्य
पूर्वांचल से बीएसपी के बड़े चेहरे के तौर पर मौर्य की पहचान थी। 2009 में पडरौना विधानसभा के लिए हुए एक उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मौर्य को पार्टी का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। उस चुनाव में मौर्य ने केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराकर सबको चौंका दिया था।
सपा में मची हाय-तौबा
विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सपा में लगातार हंगामा जारी है। मंगलवार को सपा में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता का दल का विलय होने पर अंर्तकलह खुलकर सामने आई। बताया जा रहा है यूपी के सीएम अखिलेश यादव इस विलय से खुश नहीं, इसके चलते उन्होंने मुलायम सिंह के करीबी माने जाने वाले बलराम यादव को मंत्री पद से हटा दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बलराम यादव ने शिवपाल सिंह यादव से बात कर कौमी एकता दल का सपा में विलय करवाया था।
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