
वाराणसी पुलिस ने बताया कि श्रावस्ती जिले के कोतवाली भिनगा के पटना का रहने वाले अनिल मिश्रा ने समाचार पत्र में आइएएस के लिए सुयोग्य वधू की तलाश के नाम पर वर्ष २०१३ में विज्ञापन दिया था। इसी विज्ञापन के आधार पर महामनापुरी कालोनी के मर्चेंट नेवी से सेवानिवृत उदयभान मिश्र ने अपनी पुत्री की शादी के लिए विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। आरोपी ने अपना व्यक्तिगत विवरण भेजा जिसमें उसने खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित व प्रारंभिक नियुक्ति खादी और ग्रामोद्योग आयोग तेलियाबाग में उप सहायक निदेशक पद पर बताया। बात चली तो जानकारी दी कि उसे प्रशिक्षण के लिए मिजोरम जाना है। उदयभान ने समझा चलो वर मनमाफिक मिल गया जल्द से जल्द सगाई कर दी जाए। १० दिसंबर २०१३ को सगाई की तारीख तय हुई थी। उस दिन आरोपी आटो से उनके घर आया और कहा कि उसे प्रशिक्षण के लिए जाना है और उनकी पुत्री को अंगूठी पहना कर उसी आटो से चला गया। उसने ११ लाख रुपये दहेज भी ऐंठ लिये। बाद में शादी का दिन तय करने के लिए उदयभान ने मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बताने लगा। छह माह बीतने पर भी जब कोई संपर्क नहीं हुआ तो खोजबीन की गई। पता चला कि वह गोंडा जेल में बंद है। इस पर उदयभान मिश्र ने मई २०१४ में लंका थाने में आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इस बीच पुलिस को पता चला कि आरोपी गोंडा जेल से छूटकर अपने घर चला गया है। इस पर पुलिस की एक टीम श्रावस्ती गई और आरोपी को उसके घर से पकड़ लिया।
COMMENTS