बहराइच की निरक्षर भानमती अन्य महिलाओं और समाज के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरी हैं. कभी मजदूरी करके घर चलाने वाली भानमती आज देश की 100 ताकतवर महिलाओं में शुमार हो चुकीं है. उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी 22 जनवरी राष्ट्रपति भवन में सम्मानित करेंगे.
मिहीपुरवा विकास खंड के अंतर्गत आने वाले 7 वनग्राम में से एक टेडिया निवासी भानमती मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट भरती थी. उसे न वोटिंग अधिकार था और न ही उसकी माली हालत ही अच्छी थी. लेकिन उनके जीवन में 10 साल पहले एक बड़ा बदलाव तब आया जब उनकी मुलाकात ‘वनग्राम आजादी आन्दोलन’ को चलाने वाले सामाजिक संस्था देहात (डेवलपमेंट एसोसिएशन फॉर ह्यूमन एडवांसमेंट) के मुख्या कार्यकारी डॉ जीतेंद्र चतुर्वेदी से हुई. वह इस आन्दोलन से जुड़ गयीं. अनपड़ होने के बावजूद भानमती की बोलने और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें लीडर की भूमिका में खड़ा कर दिय
महिलाधिकार मंच की तीन हजार महिलाओं ने उन्हें अपना लीडर चुना. फिर क्या था, भानमती ने देहात संगठन के साथ मिलकर महिलाओं को मनरेगा में हिस्सेदारी, ग्राम सभा में महिला भागीदारी, शराबखोरी, लिंग्भेद्भाव और अन्य सामाजिक सरोकार वाले मुद्दे पर हल्ला बोला. उन्होंने वनग्रामवासियों के अधिकारों के लिए तमाम पदयात्राएं, आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन भी किया. जिसके बाद उनकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी.
हाल ही में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने भानमती जैसे महिलाओं की तलाश शुरू की. इसके लिए फेसबुक के जरिये वोटिंग कराई गई. जिसके बाद 100 शक्तिशाली महिलाएं चुनी गईं जिसमें भानमती का भी नाम शामिल है.
मिहीपुरवा विकास खंड के अंतर्गत आने वाले 7 वनग्राम में से एक टेडिया निवासी भानमती मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट भरती थी. उसे न वोटिंग अधिकार था और न ही उसकी माली हालत ही अच्छी थी. लेकिन उनके जीवन में 10 साल पहले एक बड़ा बदलाव तब आया जब उनकी मुलाकात ‘वनग्राम आजादी आन्दोलन’ को चलाने वाले सामाजिक संस्था देहात (डेवलपमेंट एसोसिएशन फॉर ह्यूमन एडवांसमेंट) के मुख्या कार्यकारी डॉ जीतेंद्र चतुर्वेदी से हुई. वह इस आन्दोलन से जुड़ गयीं. अनपड़ होने के बावजूद भानमती की बोलने और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें लीडर की भूमिका में खड़ा कर दिय
महिलाधिकार मंच की तीन हजार महिलाओं ने उन्हें अपना लीडर चुना. फिर क्या था, भानमती ने देहात संगठन के साथ मिलकर महिलाओं को मनरेगा में हिस्सेदारी, ग्राम सभा में महिला भागीदारी, शराबखोरी, लिंग्भेद्भाव और अन्य सामाजिक सरोकार वाले मुद्दे पर हल्ला बोला. उन्होंने वनग्रामवासियों के अधिकारों के लिए तमाम पदयात्राएं, आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन भी किया. जिसके बाद उनकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी.
हाल ही में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने भानमती जैसे महिलाओं की तलाश शुरू की. इसके लिए फेसबुक के जरिये वोटिंग कराई गई. जिसके बाद 100 शक्तिशाली महिलाएं चुनी गईं जिसमें भानमती का भी नाम शामिल है.
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