मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डीडीसीए प्रकरण में केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि जांच आयोग का गठन संविधान के मुताबिक किया गया है और इसके लिए केंद्र की मंजूरी की बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग अपना काम जारी रखेगा। यदि उपराज्यपाल, गृह मंत्रालय अथवा प्रधानमंत्री कार्यालय को कोई आपत्ति है तो वह न्यायालय जा सकते हैं। केवल न्यायालय के आदेश से ही जांच आयोग का काम रुक सकता है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, डीडीसीए जांच आयोग का गठन दिल्ली सरकार ने संविधान के मुताबिक किया है। दिल्ली सरकार इसके लिए केंद्र की सलाह लेने के लिए बाध्य नहीं है।
![केजरीवाल बोले, केवल कोर्ट के आदेश से आयोग काम रोकेगा केजरीवाल बोले, केवल कोर्ट के आदेश से आयोग काम रोकेगा](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEghdn5TWYTvrLdWRVvbAEVT1PfT2sK9BVMPiy9K64mErM4JCTum7xZkSzQJVx3LifDvq5AAXe1KvSrqxywzipUhkfJluFVdNsTUR2Q1vi0PZVpQoEpxdiP4GF-hyWkrBewbmLpEgwXh7VQ/s640/jaitley-modi-kejriwal-.jpg)
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने डीडीसीए मामलों की जांच के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग को असंवैधानिक और अवैध घोषित कर दिया है। केंद्र के इस निर्णय से दोनों सरकारों के बीच जारी विवाद के और गहराने की आशंका बढ़ गई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय की तरफ से जारी एक पत्र में कहा गया है भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की तरफ से जारी अधिसूचना असंवैधानिक और गैर-कानूनी है इसलिए कानूनी रूप से इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। दिल्ली सचिवालय पर एक माह पहले छापेमारी के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया था और इसी दरम्यान दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) मामलों की जांच के दिल्ली सरकार के निर्णय को नामंजूर किया गया है।
केजरीवाल ने पूर्व साॠलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में डीडीसीए में गड़बडि़यों को लेकर एक जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया। केंद्र सरकार ने बुधवार को एक पत्र लिखकर कहा दिल्ली की चुनी हुई सरकार जांच आयोग कानून, 1952 के तहत ना ही केंद्र सरकार है और ना ही राज्य सरकार। इसलिए दिल्ली सरकार को इस अधिनियम के तहत जांच आयोग गठित करना का कोई अधिकार नहीं है। उपराज्यपाल को भेजे गये पत्र में कहा गया है दिल्ली सरकार को इस आशय की जानकारी दी जाए।
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