![गोद लेने में लड़कियों को तरजीह देने लगे हैं लोग गोद लेने में लड़कियों को तरजीह देने लगे हैं लोग](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjacZpsDd-vOlZoR2NDjYvWjL_mdRnSLb2eqX446Pgiuq-zZNzYH4ZiJBUBVNOd614XDZ88INLYAsC89fYNXgYDCDxpfz4kYymfaVvlSRVQtbTmcEapH-mkl3Eo6XVz3KcbLbZwyA5DAF0/s400/article-2463416-18C9B41800000578-55_634x445.jpg)
लड़कियों को लेकर सामाजिक सोच में आ रहे इस बदलाव से महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय बेहद उत्साहित है। मंत्रालय के तहत कार्यरत स्वायत्त निकाय केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के एक अधिकारी के अनुसार, 'गोद लेने के इच्छुक परिवारों के लिए लड़कियां पहली पसंद बनने लगी हैं। यह उत्साहजनक है कि ज्यादा से ज्यादा लोग लड़कियों को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं। कारा के आंकड़ों के अनुसार देश में वर्ष 2012-13 में 1,848 लड़कों के मुकाबले 2,846 लड़कियां गोद ली गई। 2013-14 में भी यह प्रवृत्ति कायम रही है। इस वर्ष 2,293 लड़कियां गोद ली गई, जबकि लड़कों के मामले में यह संख्या 1,631 रही। इसके अगले वर्ष भी लोगों ने गोद लेने में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को ज्यादा तरजीह दी। 2014-15 में 1,688 लड़कों के मुकाबले 2,300 लड़कियां गोद ली गई।
गोद लेने के क्रम में कई परिवारों ने दिव्यांग बच्चों को भी अपना बनाया। कारा के मुताबिक देश भर में वर्ष 2012-13 में 170 दिव्यांग बच्चे गोद लिए गए। इसके अगले वर्ष यानी 2013-14 में यह तादाद 242 रही। जबकि 2014-15 में लोगों ने 214 दिव्यांग बच्चों को अपनाया।
COMMENTS