पटना- राजद प्रमुख लालू प्रसाद की रिश्तेदारी, महागठबंधन की एकता और भाजपा के खिलाफ सियासी विचारधारा की प्रतिबद्धता की असली परीक्षा यूपी में होगी।
फरवरी के आखिरी सप्ताह में बनारस यात्रा के क्रम में लालू पहले जयापुर गांव में एक हजार लालटेन के साथ जाएंगे और ग्रामीण से पूछेंगे कि मोदी ने कितना विकास कर दिया? जयापुर को प्रधानमंत्री ने आदर्श सांसद गांव योजना के तहत चुना हुआ है।यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के हाथ में प्रदेश की कमान है। लालू ने पहले ही एलान कर रखा है कि केंद्र सरकार के खिलाफ अलख जगाने की शुरुआत वे बनारस से करेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अभियान का मुहूर्त भी बनारस से ही निकालने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में देशभर की नजर राजद, जदयू और सपा के अगले कदम पर टिकी हुई है। यूपी चुनाव में कांग्र्रेस के साथ तीनों दलों की भूमिका का इंतजार है। इनकी एकता और अनेकता की परख भी होगी।
लालू और मुलायम की रिश्तेदारी जगजाहिर है। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले मुलायम महागठबंधन से रिश्ता तोड़कर लालू-नीतीश को झटका दे चुके हैं। चुनाव नतीजे से उत्साहित लालू ने एलान किया था कि बनारस से वे देशभर में भाजपा के खिलाफ अलख जगाने की शुरुआत करेंगे। इसके बाद वे बंगाल भी जाएंगे, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होना है।
हालांकि सबसे बड़ा सवाल यूपी के मोर्चे पर ही किया जा रहा है। अभी तक बनारस में लालू और नीतीश कुमार के अलग-अलग कार्यक्रम की बातें आ रही हैं। दोनों नेता देशभर में भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव रोकना चाहते हैं, लेकिन इस राह में सबसे बड़ी बाधा मुलायम सिंह हैं, जिन्होंने बिहार में महागठबंधन को नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश की थी। ऐसे में तीनों नेताओं के सियासी व्यवहार का पूरे देश को इंतजार रहेगा।
पहला अटैक मोदी पर : बनारस में रैली के पहले लालू जयापुर जाएंगे। वहां पूछेंगे कि मोदी ने कितने युवाओं को रोजगार दिलाया? उसके बाद लालू गंगा के उस घाट पर भी जाएंगे जहां मोदी ने आरती की थी और कहा था कि मुझे मां गंगा ने गुजरात से यहां बुलाया है।
लालू का टूर प्लान : भाजपा विरोधी शक्तियों का बिहार के बाद यूपी पहला और सबसे बड़ा लक्ष्य है, हालांकि इसके पहले 2016 में पांच राज्यों (केरल, असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुड्डुचेरी) में विधानसभा चुनाव होने हैं।
केरल में पहले चुनाव होगा, लेकिन लालू का जोर असम पर रहेगा, क्योंकि वहां बिहारियों की संख्या अच्छी-खासी है। लालू का प्लान वैसे हर प्रदेश में जाने का है, जहां विधानसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के खिलाफ देश भर में माहौल तैयार करने की उनकी जुगत है।
COMMENTS