
आरोपी अपने साथियों के साथ एथलीट को उत्तराखंड में लेखपाल की नौकरी दिलाने का झांसा लेकर गया था। इतना ही नहीं नौकरी के नाम पर इस खिलाड़ी से दस लाख रुपये भी वसूले गये थे। कल मामला उस समय खुला जब एथलीट की तहरीर पर दुष्कर्म, कुकर्म, मारपीट एवं जान से मारने की धमकी देने में सोनू गुर्जर समेत चार युवकों को नामजद किया गया। सभी युवक यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति से जुड़े हुए हैं। मेडिकल पुलिस ने सोनू को पकड़कर जेल भेज दिया। खिलाड़ी का मेडिकल कराने के बाद 161 सीआरपीसी में बयान दर्ज कराया गया। मेडिकल थाना क्षेत्र के कमालपुर की एथलीट सिविल लाइन के साकेत में रहती है। वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में खेल का अभ्यास करती है। यहां उसकी मुलाकात कमालपुर के सोनू गुर्जर से हुई। सोनू गुर्जर यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र है। सोनू के साथ पांच वर्ष में उसकी दोस्ती हो गई। आरोप है सोनू गुर्जर ने एथलीट को लेखपाल की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके लिए दो किस्त में पांच-पांच लाख रुपये भी सोनू ने इस महिला एथलीट से वसूले। सोनू ने इसके बाद बीते महीने हरिद्वार के एक होटल में एथलीट को बुलाया। वहां पर सोनू ने इस एथलीट के साथ दुष्कर्म और कुकर्म किया। इसके बाद सोनू ने एथलीट को 20 जनवरी को गढ़ रोड पर हनुमानपुरी फेस टू के अपने घर पर बुलाया। उस समय उसके परिवार के लोग मौजूद नहीं थे। सोनू ने अपने घर में एथलीट को हवस का शिकार बनाया। पीडि़ता ने पुलिस से शिकायत की बात कही तो सोनू गुर्जर शादी के लिए राजी हो गया। इसके बाद शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करता रहा।
पीडि़ता की लेखपाल में नौकरी नहीं लगी, जिसके बाद उसने 10 लाख की रकम वापस मांगी। इसे लेकर दोनों में विवाद हो गया। सोनू गुर्जर ने अपने जीजा पुट्ठा के दीपक और यूनिवर्सिटी में दोस्त एलएलबी के छात्र धर्मेद्र गुर्जर निवासी शिवशक्ति नगर तथा परवेज निवासी हनुमानपुरी, फेस टू को साथ लेकर पीडि़ता की बेल्टों से पिटाई की और जान से मारने की धमकी दी।
बमुश्किल आरोपियों के चंगुल से छूटकर पीडि़ता मेडिकल थाने पहुंची और शिकायत की। पुलिस ने एथलीट की तहरीर पर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी सोनू गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शेष तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पीडि़ता का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद 161 सीआरपीसी में बयान दर्ज कराया गया। वहीं पुलिस ने बताया कि पीडि़ता और सोनू गुर्जर का पांच साल से प्रेम प्रसंग था। दोनों शादी भी करना चाहते थे। पीडि़ता ने लेखपाल की नौकरी के नाम पर सिर्फ पांच लाख रुपये दिए थे, जबकि पांच लाख रुपये सोनू ने उससे किस्तों में उधार लिए थे।
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