
मोदी ने रायपुर में सोमवार को 20 वें युवा उत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देशभर से आए युवाओं को संबोधित किया। अपने 35 मिनट के भाषण में उन्होंने देश के युवाओं से देश की मनोवैज्ञानिक सोच बदलने की बात कही। मोदी ने युवाओं से कहा कि आप ये तय करें कि मैं ऐसी जिंदगी जीऊंगा, जिसमें दो-चार लोगों को रोजगार दे सकूं। अगर ऐसी सोच बनती है तो मेरी सरकार और पूरा हिंदुस्तान आपके साथ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में हमने ऐसी मन: स्थिति बना ली है कि जो दिमागी काम कर रहा है, वह बड़ा है और जो मेहनत कर रहा है, श्रम कर रहा है, वह छोटा है।
मां-बाप भी कम पढ़े-लिखे बेटे का अपने रिश्तेदारों से परिचय कराने से हिचकिचाते हैं, भले ही वह हुनरमंद हो। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि पूरे देश में यह मनोवैज्ञानिक सोच बदलने की जरूरत है। उनके मुताबिक ग्रेजुएशन कर बेरोजगार की कतार में खड़े होने से बेहतर है आठवीं या 10वीं पास कर आइटीआइ या इसी तरह का कोई हुनर सीखा जाए और आत्मनिर्भर बना जाए। मोदी ने स्किल्ड इंडिया के सपने का जिक्र करते हुए युवाओं से कहा कि वे छत्तीसगढ़ में आए हैं तो सीखेंगे कि किस तरह नक्सलवाद के संकट में रहते हुए इस राज्य ने लोगों को हुनरमंद बनाने के लिए प्रयास किए गए हैं।
यह देश का पहला राज्य है, जहां स्किल को अधिकार का दर्जा दिया गया है। मोदी ने देश में बड़ी योजना स्टार्टअप इंडिया-स्टैंडअप इंडिया 16 जनवरी से शुरू करने की बात कही।
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