नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया। 79 साल के मुफ्ती दिल्ली के एम्स में एडमिट थे। गुरुवार सुबह करीब 8 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली देर शाम उन्हें अनंतनाग में सुपुर्द-ए-खाक। उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती को अगला सीएम बनाने के लिए पीडीपी ने गवर्नर एनएन वोहरा को लेटर लिखा है। बीजेपी ने भी इस पर हामी भर दी है।
एडमिट होने से पहले सईद ने क्या कहा था? उन्हें क्या बीमारी थी...
- 13 नवंबर को खुद सईद ने कहा था कि महबूबा सीएम बन सकती हैं और वे रिटायर हो सकते हैं।
- उन्होंने कहा था- मैं दफ्तर में रहता हूं। महबूबा लोगों के बीच रहती हैं। बेहतर होगा, वे सीएम बन जाएं।
- सईद को सीने में दर्द के कारण 22 दिसंबर को एम्स में एडमिट कराया गया था।
- मुफ्ती का प्लेटलेट्स काउंट कम हो गया था। उन्हें आईसीयू में रखा गया था।
- हालत बिगड़ने के बाद से वे वेंटिलेटर पर थे।
- हालत बिगड़ने के बाद से वे वेंटिलेटर पर थे।
- वे जम्मू कश्मीर के दूसरे एेसे सीएम हैं जिनका पद पर रहते हुए निधन हुआ है। उनसे पहले डॉ. शेख अब्दुल्ला का भी सीएम पद पर रहते निधन हुआ था।
- अब महबूबा राज्य की पहली महिला सीएम होंगी।
अपडेट्स...
- सईद को अनंतनाग के बेजबेहरा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
- बीजेपी ने कहा- नया सीएम कौन हो ये पीडीपी तय करे। पीडीपी की पसंद पर हमें एतराज नहीं होगा।
- पीडीपी ने महबूबा मुफ्ती को चुना नया नेता। राज्यपाल को लिखा लेटर।
- शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुला सहित हजारों लोगों ने दी सईद को श्रद्धांजलि।
- श्रीनगर पहुंचा मुफ्ती का पार्थिव शरीर। मुफ्ती फैमिली के साथ मौजूद हैं राजनाथ सिंह और जितेंद्र सिंह।
- सईद के सम्मान में जम्मू-कश्मीर और दिल्ली सहित सभी राज्यों और यूनियन टेरेटरी में आज तिरंगे को आधा झुका दिया गया है।
- पीएम मोदी ने दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर सईद को दी श्रद्धांजलि।
- श्रीनगर ले जाया जा रहा है मुफ्ती का पार्थिव शरीर। पैतृक गांव में किया जाएगा दफन।
- श्रीनगर जाएंगे होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह।
- श्रीनगर ले जाया जा रहा है मुफ्ती का पार्थिव शरीर। पैतृक गांव में किया जाएगा दफन।
- श्रीनगर जाएंगे होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह।
कांग्रेस से शुरू किया था करियर
- सईद कश्मीर के बिजबेहरा में 12 जनवरी, 1936 को जन्मे थे। 1987 तक कांग्रेस के मेंबर रहे।
- 1987 में वे कांग्रेस छोड़कर वीपी सिंह की अगुआई वाले जन मोर्चा में शामिल हो गए।
- 1989 में वे देश के पहले मुस्लिम होम मिनिस्टर बने।
- बाद में सईद पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस में शामिल हो गए।
- फिर कांग्रेस छोड़कर 1999 में पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) बनाई।
- 2008 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 18 सीटें मिलीं।
- उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई और 2002 से 2005 तक सीएम रहे।
- 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी को 29 सीटें मिलीं।
- कुछ महीनों के बाद उन्होंने बीजेपी के सपोर्ट से सरकार बनाई और फिर सीएम बने।
- 1987 में वे कांग्रेस छोड़कर वीपी सिंह की अगुआई वाले जन मोर्चा में शामिल हो गए।
- 1989 में वे देश के पहले मुस्लिम होम मिनिस्टर बने।
- बाद में सईद पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस में शामिल हो गए।
- फिर कांग्रेस छोड़कर 1999 में पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) बनाई।
- 2008 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 18 सीटें मिलीं।
- उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई और 2002 से 2005 तक सीएम रहे।
- 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी को 29 सीटें मिलीं।
- कुछ महीनों के बाद उन्होंने बीजेपी के सपोर्ट से सरकार बनाई और फिर सीएम बने।
बेटी की हुई थी किडनैपिंग
- सईद जब 1989 में होम मिनिस्टर बने थे तो कुछ दिन बाद ही आतंकवादियों ने उनकी तीसरी बेटी डॉ. रूबिया सईद को किडनैप कर लिया था।
- रुबिया एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं। कॉलेज से लौटते वक्त उन्हें आतंकी ले गए थे।
- उस वक्त जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे फारूख अब्दुल्ला को लंदन दौरा बीच में छोड़कर लौटना पड़ा था।
- रूबिया को छोड़ने के बदले आतंकियों ने जेल में बंद अपने पांच साथियों को रिहा करने की मांग की।
- रुबिया एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं। कॉलेज से लौटते वक्त उन्हें आतंकी ले गए थे।
- उस वक्त जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे फारूख अब्दुल्ला को लंदन दौरा बीच में छोड़कर लौटना पड़ा था।
- रूबिया को छोड़ने के बदले आतंकियों ने जेल में बंद अपने पांच साथियों को रिहा करने की मांग की।
- केंद्र सरकार ने इसे मान लिया और पांचों आतंकियों को छोड़ना पड़ा। इस कदम का देश में काफी विरोध भी हुआ।
किस वजह से छोड़ी थी कांग्रेस
- 1972 से 1975 के बीच सईद विधान परिषद में कांग्रेस के नेता थे। 1977 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रेसिडेंट भी बने।
- उन्होंने खुद अपनी किताब में लिखा था कि उन्हें नजरअंदाज कर इंदिरा गांधी ने शेख अब्दुल्ला से समझौता कर लिया था।
- 1977 में ही सईद अपनी होम सीट बिजबेहरा से हार गए। 1983 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।
- उन्होंने खुद अपनी किताब में लिखा था कि उन्हें नजरअंदाज कर इंदिरा गांधी ने शेख अब्दुल्ला से समझौता कर लिया था।
- 1977 में ही सईद अपनी होम सीट बिजबेहरा से हार गए। 1983 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।
शोक में किसने-क्या कहा?
प्रणब मुखर्जी
जम्मू-कश्मीर के सीएम मुफ़्ती मोहम्मद सईद के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। जम्मू-कश्मीर और देश को दी गई उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा।
नरेंद्र मोदी
उनकी शानदार लीडरशिप का लोगों की जिंदगी पर गहरा असर पड़ा।
राजनाथ सिंह
उनके निधन पर गहरा दुख पहुंचा है। उन्हें आम लोगों खास तौर पर कमज़ोर तबके के लिए उनके प्यार के लिए याद किया जाएगा। उन्हें जम्मू-कश्मीर से जुड़े मसलों की गहरी समझ थी। वे घाटी में स्थायी शांति चाहते थे।
अरविंद केजरीवाल
मुफ्ती साहब के बारे में सुनकर काफी दुख हुआ। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
COMMENTS