
कुशीनगर के एक इंटर कालेज में दो वर्ष पहले रिजवान का कक्षा 11वीं में नामांकन हुआ था। पढ़ाई के दौरान ही उसकी मुलाकात उन लोगों से हुई जो कानून के खिलाफ कार्य में जुटे थे। बाद में सोशल मीडिया के जरिए वह आतंकी गतिविधियों से जुड़ गया। धीरे-धीरे आतंक के सरगना बगदादी से जा जुड़ा। पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा के नेतृत्व में मामले की जांच कर विशेष टीम को रिजवान से जुड़े कुछ सुराग मिले हैं। रिजवान का बगदादी से सीधे जुड़े तार के बीच कई अहम कडिय़ों के होने के संकेत मिले हैं। पुलिस इन कडिय़ों को जोडऩे में जुटी है। पुलिस का मानना है कि कम समय में ही रिजवान देश में सक्रिय आइएस आतंकियों के साथ मिलकर हैदराबाद, गोवा में भी अपना कार्यालय संचालित करने लगा। इन जगहों से ही उसे आतंकी कारगुजारियों व हमले को अंजाम देने के लिए नकद रुपये के साथ ही दूसरे जरूरी उपकरण भी मुहैया कराए गए थे।
रिजवान आतंकियों के लिए उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में प्रमुख चेहरा था लेकिन इसके पीछे कई और भी चेहरे हो सकते हैं। जिनकी मदद से रिजवान कुशीनगर के अलावा दूसरे प्रांतों में अपनी कारगुजारियों को अंजाम देने में जुटा था। माना जा रहा है कि पुलिस शीघ्र ही बड़ा राजफाश कर सकती है। एसपी अतुल शर्मा ने बताया रिजवान की गिरफ्तारी के बाद एक विशेष टीम इसकी पड़ताल कर रही है। समूची कार्रवाई पर खुद डीजीपी की नजर है।
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