भारी उत्साह और कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई गणतंत्र दिवस परेड

भारी उत्साह और कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई गणतंत्र दिवस परेड
नई दिल्ली: कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और आम जनता के भारी उत्साह के बीच आज राजपथ से ऐतिहासिक लालकिले तक पारंपरिक गणतंत्र दिवस परेड हुई जिसमें न सिर्फ फ्रांस के राष्ट्रपति विशिष्ट मेहमान रहे बल्कि उनके देश के सैनिकों ने भी इसमें हिस्सा लिया. यह पहला अवसर था जब गणतंत्र दिवस परेड में किसी विदेशी सैन्य दस्ते ने हिस्सा लिया हो.

परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विभिन्नता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया, वहीं अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का एहसास कराया.

सुरक्षा कारणों से इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 25 मिनट की कटौती की गई. इसे 115 मिनट की बजाय 90 मिनट का कर दिया गया. परेड शुरू होने से पहले परंपरा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट जाकर अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जियाले सैनिकों को सलाम किया.

इसके बाद राष्ट्रपति और भारतीय सेना के सर्वोच्च कमांडर प्रणब मुखर्जी इस बार की परेड के मेहमान.ए.खुसूसी फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ सलामी मंच पर आए और फिर शुरू हुआ सैन्य टुकडियों, सांस्कृतिक एव विकास झांकियों, बच्चों के कार्यक्रमों, टैंकों, आधुनिक हथियारों, मिसाइलों आदि के प्रदर्शन का सिलसिला.

परेड के शुभारंभ के रूप में सेना के चार हेलिकाप्टरों ने राजपथ के उपर से उड़ान भरते हुए गुलाब के फूलों की पंखुडियां बिखेरीं. इन हेलिकाप्टरों पर देश के तिरंगे के अलावा तीनों सेनाओं के ध्वज लहरा रहे थे. सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले वायु सेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देख कर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायु सेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का एहसास हुआ.

इस 67 वीं गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए राजपथ से लालकिले तक भारी संख्या में उत्साही जनता एकत्र थी. इनमें महिलाएं, पुरूष, बुजुर्ग और बच्चे सभी शामिल थे. परेड के अंत में इंडिया गेट को जैसे चूमते हुए गुजर जाने का एहसास देने वाले भारतीय वायु सेना के 27 विमानों ने इस बार फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया.

फ्लाई पास्ट की अगुवाई एमआई.17 वी5 हेलिकाप्टरों ने अंग्रेजी वाई की शक्ल में उड़ान भरी. इसके दूसरे चरण के रूप में एमआई 35 के तीन हेलिकाप्टरों ने चक्र शक्ल में और उसके बाद तीन सी.130 सुपर हर्कुलिस विशाल विमानों ने उड़ान भरी.

इसके बाद एक सी.17 और दो सुखोई.30 एमकेआई विमानों ने ग्लोब फार्मेशन में उड़ान भरी. लड़ाकू विमानों की बारी आने पर पांच जगुआर विमानों ने तीर की शक्ल में राजपथ के उपर से उड़ान भरी और उसके बाद पांच मिग 29 विमानों ने उसी रूप में परवाज की. इस बार देश की सांस्कृतिक विविधताएं और विकास को दर्शाने वाली कुल 23 झांकियां निकलीं.

संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा बाबा भीव राव अंबेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर उनकी विशालकाय मूर्ति वाली एक झांकी विशेष आकषर्ण का केन्द्र रही. स्कूली बच्चों ने सलामी मंच के समीप अनूठे नृत्य कर सबका मन मोह लिया. परेड में पहली बार 36 खोजी कुत्तों का दस्ता भी निकला.

हर बार की तरह इस बार भी मोटरसाइकलों पर कौशल और जाबांजी दिखाने वाले डेयरडेविल स्टंट को लोगों ने खूब सराहा. राष्ट्रगान के साथ परेड का समापन हुआ. समापन पर राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों वाले गुब्बारों ने पूरे आसमान को ढक लिया.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आतंकी हमले की आशंका की खुफिया सूचना के चलते राष्ट्रीय राजधानी में आज जमीन से हवा तक सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किये गए और हजारों जवान चप्पे चप्पे पर कड़ी नजर बनाए हुए थे. राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा का यह आलम था कि इसकी एक तरह से किलेबंदी कर दी गई थी.

हल्की मशीनगनों से लैस कमांडो को सामरिक महत्व के स्थानों पर तैनात किया गया था और राजधानी में दो महत्वपूर्ण स्थानों पर विमान रोधक तोपें लगाई गई थीं. मध्य और नयी दिल्ली इलाकों में दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के करीब 50 हजार जवान तैनात किये गए थे.

राजपथ पर सुरक्षा के विशेष प्रबंध के रूप में समारोह स्थल पर वीवीआईपी गलियारे में सुरक्षा के बहुस्तरीय प्रबंध किये गए थे, जिसमें एक घेरा राष्ट्रपति सुरक्षा गार्डों का था, एक एक घेरा एसपीजी अधिकारियों, एनएसजी कमांडो का था और दिल्ली पुलिस सबसे बाहरी सुरक्षा घेरे के तौर पर चौकसी कर रही थी.
दिल्ली में धुंध भरी सुबह के बीच गणतंत्र दिवस का जश्न

राष्ट्रीय राजधानी में आज धुंध भरी सुबह रही जिससे रेल सेवा तो प्रभावित हुई लेकिन राजपथ पर चल रहे 67 वें गणतंत्र दिवस के जश्न पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.

मौसम अधिकारी ने बताया, ‘‘ आज का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो वर्ष के इस समयकाल का सामान्य तापमान है. सुबह साढ़े आठ बजे मौसम में 97 प्रतिशत आद्र्रता दर्ज की गई. ’’ सुबह साढ़े आठ बजे दृश्यता गिरकर 200 मीटर हो गई थी.

हालांकि पिछले साल की तरह इस बार बारिश नहीं हुई और राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोहों की भव्यता पर कोई असर नहीं पड़ा. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली आ रही 30 ट्रेनें तय समय से देरी से चली और 46 रद्द की गई जिसकी पहले ही घोषण की जा चुकी थी.

दिल्ली हवाई अड्डे पर विमान सेवा संचालन सामान्य रहा. मौसम अधिकारी ने दिन में आंशिक रूप से बादल छाए रहने का पूर्वानुमान लगाया है. कल सुबह भी घना कोहरा छाने की संभावना है.

कल का न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री नीचे 18.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
तमिलनाडु में मना गणतंत्र दिवस का जश्न

तमिलनाडु में पूरे जोश के साथ आज 67 वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया गया. राज्यपाल के रोसैया ने झंडा फहराया और मुख्यमंत्री जयललिता ने पुलिस कर्मियों और नागरिकों को वाषिर्क पुरस्कार बांटे.

मशहूर मरीना बीच पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास रोसैया ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उस समय भारतीय वायु सेना के चेतक हेलीकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों की बौछार की.

सशस्त्रों बलों, नैवी, स्कॉउट और गाइड्स के दलों के मार्च करते वक्त राज्यपाल ने उन्हें सलामी दी.

छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी. रक्षा बलों द्वारा कई झांकियां भी निकाली गई. युद्धक टैंक भीष्म टी 90, अजेय टैंक आदि का परेड में प्रदर्शन किया गया.

मुख्यमंत्री जे जयललिता ने विभिन्न विजेताओं को साम्प्रदायिक सौहाद्र्र के लिए गांधी अडिगल पुरूस्कार, अन्ना वीरता पदक और कोट्टई अमीर पुरस्कार दिए.

रोसैया ने समारोह में आने से पहले विजय युद्ध स्मारक जाकर शहीद सैनिकांे को श्रद्धांजलि भी दी थी.
उत्तराखंड में हर्षोल्लास से मनाया गया 67 वां गणतंत्र दिवस

उत्तराखंड में आज 67 वां गणतंत्र दिवस समारोह हषरेल्लास से मनाया गया और मुख्य समारोह ऐतिहासिक परेड ग्राउंड में हुआ जहां राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया.

मुख्यमंत्री हरीश रावत, देहरादून के मेयर विनोद चमोली, मुख्य सचिव श़त्रुध्न सिंह सहित कई विशिष्ट और जनसामान्य की मौजूदगी में हुए इस समारोह में राज्यपाल ने ध्वजारोहण कर तिरंगे को नमन किया.

उसके बाद उन्होंने परेड की सलामी ली. इस अवसर पर सेना, आई.टी.बी.पी., एस.एस.बी, होमगार्ड, पी.आर.डी., के जवानों सहित एन.सी.सी और घुड़सवार पुलिस के दस्ते ने मार्च पास्ट करते हुए राज्यपाल को सलामी दी.

इस मौके पर राज्य के विभिन्न विभागों की झांकियां भी प्रदर्शित की गई. बाद में पुलिस बैण्ड की देश भक्ति से संबंधित गीतों की जोशीली धुनों के मध्य राज्यपाल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्तव्य परायण पुलिस कर्मियों को सम्मानित भी किया.

राज्य के अन्य हिस्सें से मिली खबरों के अनुसार, पूरे प्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोहपूर्वक और पूरे हषरेल्लास से मनाया गया.
26 साल बाद राजपथ पर परेड में शामिल हुआ श्वान दस्ता

राजपथ पर 67वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड में 36 सदस्यीय श्वान दस्ते ने हिस्सा लिया जिसमें 24 लेब्राडोर और 12 जर्मन शेफर्ड शामिल थे. 26 साल बाद श्वान दस्ते को परेड में शामिल किया गया.

इन 36 खोजी कुत्तों को भारतीय सेना के प्रशिक्षित 1200 खोजी कुत्तों में से चुना गया है. इन्हें चार महीने तक गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया.

श्वान दस्ते के इन सदस्यों को विस्फोटक और बारूदी सुरंगों का पता लगाने और इनकी पहचान करने एवं निगरानी करने का प्रशिक्षण दिया गया है. गणतंत्र दिवस समारोह देखने आए लोगों ने तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाया.

रेमाउंट वेटेरनरी कोर के कैप्टन अनुराग बरूआ ने कहा, ‘‘ इन खोजी कुत्तों का चयन जरूरत के आधार पर होता है. सेना को बारूदी सुरंग, विस्फोटकों का पता लगाने, निगरानी करने, गश्त लगाने आदि कार्यो में इनकी जरूरत होती है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हम कुत्तों की सजगता, कमान पर अमल करने, तत्परता, जैसे विषयों को ध्यान में रखते हैं. ’’

कश्मीर में शांतिपूर्ण रहा गणतंत्र दिवस का जश्न

कड़ी सुरक्षा के बीच कश्मीर में गणतंत्र दिवस के जश्न का आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से हो गया. इस दौरान विभिन्न स्थानों पर तिरंगा फहराया गया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

घाटी में गणतंत्र दिवस के प्रमुख समारोह का आयोजन बक्शी स्टेडियम में किया गया था और कश्मीर के मंडलीय आयुक्त असगर समून ने यहां परेड की सलामी ली.

अधिकारियों ने कहा कि भारी ठंड के बावजूद घाटी के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोहों में अच्छी खासी संख्या में लोग जुटे थे. यह दूसरी बार है कि राज्य में राज्यपाल शासन के कारण बक्शी स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह की अध्यक्षता राज्य सरकार के किसी मंत्री के बजाय एक लोक प्रशासक ने की है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘कश्मीर में गणतंत्र दिवस का जश्न शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया. घाटी में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि आतंकियों को इस जश्न के रंग में भंग डालने से रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. दो जनवरी को पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के चलते पूरी घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.

विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने गणतंत्र दिवस समारोहों की अध्यक्षता की. पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्कूली बच्चों द्वारा की गई परेडों के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इन समारोहों में पेश किए गए थे.
गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वालों का मंत्रियों और नेताओं ने भी बढ़ाया उत्साह

राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान देश की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करते सैनिकों, हथियारों, विमानों के मार्च पास्ट के साथ सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करती राज्यों की झांकियों एवं बच्चों के नृत्य समूहों की वहां उपस्थित आम लोगों के साथ केन्द्रीय मंत्रियों और सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के नेताओं ने तालियां बजा बजा हौसला अफजाई की.

राजपथ पर जब पैराशूट रेजिमेंट और लड़कियों का एनसीसी दस्ता मार्च पास्ट कर रहा था तब केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और राज्यवर्धन सिंह राठौर को उनका उत्साह बढ़ाते देखा गया.

सलामी मंच के सामने से जब जम्मू कश्मीर की झांकी गुजर रही थी तब राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने हाथ हिला कर उत्साह बढ़ाया. इसी तरह से जब कर्नाटक की झांकी गुजर रही थी तब केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा और अनंत कुमार एवं उनके बच्चों ने तालियां बजाकर स्वागत किया.

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मोनार्क टाइम्स । Monarch Times: भारी उत्साह और कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई गणतंत्र दिवस परेड
भारी उत्साह और कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई गणतंत्र दिवस परेड
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