लखनऊ। समाजवादी पार्टी में अनुशासन की तलवार रंग दिखाने लगी है, फर्रुखाबाद में अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने के लिए पार्टी से बगावत पर आमादा अलीगंज के विधायक रामेश्वर यादव व उनके बेटे सुबोध ने आज पार्टी नेतृत्व के सामने सरेंडर कर दिया। और अधिकृत प्रत्याशी सगुना देवी कठेरिया के पक्ष में प्रचार का एलान किया। जिसके बाद सुबोध यादव का सपा से निष्कासन खत्म कर दिया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के विरोध में समाजवादी पार्टी के अंदर से आवाज उठने और कई स्थानों पर शुरू हुई बगावत को कुचलने के लिए सपा नेतृत्व ने निष्कासन की कार्रवाई शुरू की है। सीतापुर व बिजनौर जिले के दो विधायकों के निलंबित कर दिया गया। गोरखपुर, महराजगंज में संगठन के ओहदेदारों के खिलाफ कार्रवाई हुई। अलीगंज के विधायक के बेटे सुबोध यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। हालांकि वह पार्टी में न तो किसी पद पर था और न पार्टी में उसकी कोई भूमिका थी। फिर भी इस कार्रवाई के जरिए पार्टी ने विधायक को अधिकृत प्रत्याशी का विरोध करने पर कार्रवाई का संदेश दिया। मंगलवार को विधायक रामेश्वर यादव व उनके बेटे सुबोध ने पंचायत चुनाव के प्रभारी व महासचिव शिवपाल यादव से इटावा में मुलाकात कर फर्रुखाबाद की प्रत्याशी सगुना देवी कठेरिया को समर्थन का एलान किया और समर्थक जिला पंचायत सदस्यों की सूची भी शिवपाल यादव को सौंपी। इसके फौरन बाद पार्टी ने सुबोध का निष्कासन खत्म कर दिया गया। पार्टी महासचिव शिवपाल यादव का कहना है कि पार्टी की नीतियों पर चलने का विश्वास दिलाने पर सुबोध का निष्कासन खत्म किया गया है।
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