चंद्रमा की सतह पर चलने वाले अमेरिकी अंतरिक्षयात्री एडगर मिशेल का 85 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके परिवार और नासा ने यह जानकारी दी। चंद्रमा की सतह पर अब तक केवल 12 लोगों ने पैर रखे हैं जिनमें मिशेल एक थे। नासा ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। मिशेल कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनका गुरुवार को निधन हो गया। इसके अगले ही दिन चंद्रमा पर उनके उतरने की 45वीं सालगिरह थी। वे 1971 में चंद्रमा से जुड़े अपोलो 14 मिशन के सदस्य थे। उनके साथ मिशन में ए शेपर्ड जूनियर और स्टुअर्ट रोसा शामिल थे। रोसा का 1994 में जबकि शेपर्ड का 1998 में निधन हो गया। मिशेल मिशन के आखिरी जीवित सदस्य थे। नासा के प्रमुख चार्ल्स बोल्डेन ने कहा, ‘वे अन्वेषण में विश्वास रखते थे, मनुष्य को चंद्रमा पर भेजने के जॉन एफ कैनेडी के आह्वान के बाद वे नासा से जुड़े थे। वे अंतरिक्ष अन्वेषण के पुरोधाओं में से एक थे’। मिशेल ने कई किताबें लिखीं जिनमें 1996 में आया उनका संस्मरण ‘द वे ऑफ दि एक्सप्लोरर’ शामिल है। उनके परिवार में दो बेटियां, गोद लिए गए तीन बेटे और नौ नाती-पोते शामिल हैं। अंतरिक्ष का अन्वेषी: एक समय ऐसा था जब लोग धरती को चौकोर मानते थे और सोचते थे कि एक किनारा ऐसा होगा जहां जाकर वे कहीं गिर जाएंगे। आसमान और अंतरिक्ष को लेकर भी काफी भ्रांतियां थीं। कितनी मुश्किलों के बाद इंसान ने समझा कि धरती गोल है। मनुष्य को चांद पर भेजना भी आसान नहीं था। जॉन एफ कैनेडी को भी अपने समय में वैज्ञानिकों से आह्वान करना पड़ा था कि वे चांद पर जाने के मिशन से जुड़ें। एडगर मिशेल उन लोगों में से थे जिन्होंने अंतरिक्ष के अन्वेषण की चुनौती को स्वीकार किया था।
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