नई दिल्ली। जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के मामले में एक और छात्र ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। आरोपी छात्र आशुतोष से आरके पुरम थाने में पूछताछ चल रही है। जेएनयू में 9 फरवरी को नारेबाजी के मामले में छह छात्रों पर देशद्रोह का आरोप लगा था। इनमें से अब चार पुलिस की गिरफ्त में है, जबकि पुलिस को रामा नागा और अनंत प्रकाश नारायण की तलाश है। वहीं दो छात्र उमर खालिद और अनिर्बान की पुलिस रिमांड आज खत्म हो रही है। सुरक्षा वजहों से उमर खालिद और अनिर्बान को आज कोर्ट की बजाय पुलिस स्टेशन में ही जज के सामने पेश किया जाना है।
इससे पहले देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य से शुक्रवार को भी पूछताछ हुई। दोनों छात्रों से अब तक 30 सवाल पूछे जा चुके हैं। दोनों छात्र रेगुलर स्मोकर हैं और उन्होंने जवाब देने से पहले सिगरेट, बिरयानी और मोमोज की मांग की। पुलिस ने सिर्फ हिंदी अखबार मुहैया कराया। पूछताछ में खालिद ने देश विरोधी नारे लगाने से इनकार किया। बता दें कि तीनों छात्रों की रिमांड अवधि आज खत्म हो रही है और उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कश्मीर की आजादी के लगाए थे नारेः खालिद
हालांकि, उसने कहा कि कश्मीर की आजादी को लेकर नारेबाजी की थी। पुलिस ने खालिद, कन्हैया और अनिर्बान से पूछे जाने वाले सवालों की लिस्ट भी बनाई है। तीनों से अलग-अलग सवाल किए जाएंगे। खालिद को दिल्ली से बाहर भी ले जाया जा सकता है। ये जानने के लिए कि वो फरार होने के वक्त कहां रहा था। कन्हैया को उमर, अनिर्बान के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सकती है। जेएनयू के जिन तीन अन्य आरोपी छात्र रामा नागा, आशुतोष कुमार व अनंत प्रकाश भी समर्पण को तैयार हो गए हैं। इस बीच पुलिस ने कन्हैया को अज्ञात स्थान पर ले जाकर पूछताछ की। तीनों आरोपियों के बयानों में विसंगति के मद्देनजर आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सकती है।
नारेबाजी बेवकूफी, देशद्रोह नहीं : चिदंबरम
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अफजल के पक्ष में नारेबाजी करना बेवकूफी है, लेकिन देशद्रोह नहीं। अगर मैं गृहमंत्री होता तो कन्हैया पर से देशद्रोह का मुकदमा हटाने व रिहाई के आदेश दे देता। चिदंबरम ने छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो दिखाने पर मीडिया को भी आड़े हाथों लिया। उधर, अफजल गुरु पर चिंदंबरम के बयान पर कांग्रेस पार्टी ने खुद को अलग कर लिया है।
वकीलों के उपद्रव पर केंद्र, पुलिस को नोटिस
पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में मारपीट पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। मामले में वकील विक्रम सिंह चौहान, यशपाल सिंह और ओम शर्मा को आरोपी बनाया गया है। तीनों वकीलों ने स्टिंग ऑपरेशन में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को कथित तौर पर पीटने की बात स्वीकार की है।
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