नई दिल्ली। दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पीटने का एक वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस आलोचनाओं के घेरे में आ गई। प्रदर्शनकारियों में छात्राएं भी शामिल थीं जिन्हें आरएसएस मुख्य कार्यालय के पास पीटा गया। दरअसल आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दिल्ली पुलिस प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं को बेरहमी से पीट रही है। यह वीडियो 30 जनवरी को शूट किया गया है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसपर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना के दो दिन बाद सोमवार को बीजेपी और RSS पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल प्राइवेट आर्मी की तरह कर रही है। बताया जा रहा है कि इस रैली में वाम धड़े के 2 छात्र संगठन शामिल थे। SFI और AISF संगठन के युवा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एक विरोध रैली का आयोजन किया था। इसमें जेएनयू और जामिला मिलिया इस्लामिया के छात्र भी शामिल थे। इन्हें आंबेडकर गंज से केशव कुंज तक जाना था। मालूम हो कि केशव कुंज में RSS का दफ्तर है। इस विरोध रैली को प्रशासन की ओर से संघ दफ्तर से 2 किलोमीटर की दूरी तक जाने की इजाजत मिल चुकी थी।
क्या कहा- CM केजरीवाल, पुलिस कमिश्नर बस्सी और AAP नेता ने
- इस मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल प्राइवेट आर्मी के तौर पर कर रहे हैं।
- उन्होंने यह भी कहा कि चाहें FTII हो, हैदराबाद यूनिवर्सिटी या फिर IIT मोदी सरकार छात्रों से जंग कर रही है।
- छात्रों की पिटाई वाले विडियो पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि विडियो की जांच की जाएगी। अगर कहीं गलती हुई है तो कार्रवाई की जाएगी।
- वीडियो को लेकर आलोचना करते हुए आप की दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडे ने टिवटर पर लिखा कि भारतीय राजनीति का स्तर कितना नीचे चला गया है।
- पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिला प्रदर्शनकारियों को पीटा, आरएसएस कार्यकर्ता भी दिल्ली पुलिस के साथ बर्बरता में शामिल थे।
स्वाति मालीवाल ने पुलिस पर उठाए सवाल
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने घटना को अस्वीकार्य बताते हुए ज्वाइंट एक्शन कमिटी फॉर सोशल जस्टिस द्वारा आयोजित प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए महिला कांस्टेबलों के मौजूद ना होने पर सवाल उठाया। इसी बीच कथित रूप से पीटे गए एक पत्रकार ने कहा कि मैं विरोध प्रदर्शन की रिर्पोटिंग के लिए गया था और दिल्ली पुलिस के लोगों ने मुझे पीटा और मेरा कैमरा भी तोड़ दिया। ये पुलिसकर्मी आक्रामक थे, संभवत: इसलिए क्योंकि मैं रैली के पीछे से तस्वीरें खींच रहा था।
यह है वीडियो में
- यह वीडियो 30 जनवरी को शूट किया गया है, जिसमें कुछ स्टूडेंट्स दिल्ली स्थित आएसएस कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
-30 सेकेंड के क्लिप में पुलिस के अलावा कुछ दूसरे लोग भी एक युवक को पीटते दिखाई दे रहे हैं जिसमे से कुछ लोग सिविल ड्रेस में हैं।
- एक कांस्टेबल को एक महिला प्रदर्शनकारी को बालों से घसीटते और जमीन पर गिराते देखा गया है।
हालांकि जो विडियो सामने आया है उसमें पुलिस भगवा गमछा गले में डाले एक युवक को भी पीटती नजर आ रही है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इस रैली के दौरान दो छात्र संगठनों के बीच किसी तरह की झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
इस बारे में अभी कुछ भी साफ नहीं हो सका है। हालांकि अगर यह स्थिति भी थी, तब भी पुलिस ने युवाओं पर लाठीचार्ज करते हुए बर्बरता दिखाई।
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