नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज राइट-ऑफ के मामले में आरबीआई और इसके गवर्नर रघुराम राजन को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के जरिए सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के डिफॉल्टरों की जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से पिछले 5 साल में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा रीस्ट्रक्चर्ड कर्ज की जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने बंद लिफाफे में कर्ज राइट-ऑफ की सारी जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है। हालांकि आरबीआई का कहना है कि उसे अभी कोई नोटिस नहीं मिला है।
इस मामले पर अश्विन पारेख एडवाइजरी सर्विसेस के मैनेजिंग पार्टनर, अश्विन पारेख का मानना है कि बैंकों के एनपीए पर ज्यूडिशिरी सिस्टम का जुड़ना सही है और इससे बैंकों को मदद मिलेगी। अगर सुप्रीम कोर्ट की जांच में जानबूझ कर डिफॉल्ट करने की बात सामने आती है, तो ऐसे डिफॉल्टरों के लिए दिक्कतें बढ़ सकती हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के कदम से आगे बैंकों को कर्ज वसूली में भी आसानी होगी।
एंजेल ब्रोकिंग के वैभव अग्रवाल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सही दिशा में उठाया कदम है और इससे बैंकों को कर्ज देने में ज्यादा आसानी हो सकती है। साथ ही आगे ज्यादा पारदर्शी तरीके से बैंक कर्ज दे सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से बढ़ते एनपीए पर लगाम लग जाती है, तो ये बैंकों के लिए काफी अच्छा साबित होगा।
गौरतलब है कि अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही के नतीजों में सरकारी बैंकों के एनपीए में जोरदार बढ़त देखने को मिली है। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट बैंकों के एनपीए को लेकर हरकत में आया है। एसबीआई का ग्रॉस एनपीए 5.1 फीसदी, पीएनबी का 8.47 फीसदी, बैंक ऑफ बड़ौदा का 9.68 फीसदी, देना बैंक का 9.85 फीसदी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 8.95 फीसदी, बैंक ऑफ इंडिया का 9.18 फीसदी, आईडीबीआई का 8.94 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक का 4.72 फीसदी, एक्सिस बैंक का ग्रॉस एनपीए 1.68 फीसदी रहा है।
बैंकों के कुछ बड़े डिफॉल्टरों की बात करें तो सबसे पहले विजय माल्या का नाम आता है, जिन्होंने 2670 करोड़ रुपये का डिफॉल्ट किया है। विनसम डायमंड एंड ज्वेलरी ने 2600 करोड़, इलेक्ट्रोथर्म इंडिया ने 2200 करोड़, स्टर्लिंग बायोटेक ने 1750 करोड़, एस कुमार्स नेशनवाइड ने 1692 करोड़, ऑर्किड केमिकल्स के सीएमडी राघवेंद्र राव ने 938 करोड़, यूनिटेक ने 750 करोड़, जाइलॉग सिस्टम्स ने 715 करोड़, डेक्कन क्रॉनिकल ने 700 करोड़, मोजर बेयर के सीएमडी दीपक पुरी ने 581 करोड़ रुपये का डिफॉल्ट किया है।
वहीं पिछले 3 साल में एसबीआई ने 40084 करोड़ रुपये के कर्ज का राइट-ऑफ किया है। पीएनबी ने 9531 करोड़, आईओबी ने 6247 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 4884 करोड़, केनरा बैंक ने 4598 करोड़ रुपये के कर्ज का राइट-ऑफ किया है। कंपनियों के कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग की बात करें तो मोनेट इस्पात के 12449 करोड़ रुपये के कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग की गई है। गैमन इंडिया के 11300 करोड़, इलेक्ट्रोस्टील के 10600 करोड़, आईवीआरसीएल के 9300 करोड़, कोस्टल प्रोजेक्ट्स के 5809 करोड़ और शिव वाणी ऑयल के 3600 करोड़ रुपये के कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग की गई है।
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