नई दिल्ली : पूरी दुनिया आज जीका वायरस के खतरे से भयभीत है। शोधकर्ता इसके लिए प्रभावी टीका बनाने में जुटे हैं तो दूसरी ओर यह बीमारी अपने पांव तेजी से पसारती जा रही है। जीका वायरस के फैलने को लेकर वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि संक्रमित मरीज़ के थूक और पेशाब के संपर्क में आने पर स्वस्थ व्यक्ति को ये रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
ब्राजीलियाई शोधकर्ताओं को जीका वायरस के रोगियों के थूक और पेशाब में इस रोग के लक्षण मिले हैं। इसका अर्थ है कि यह विषाणु थूक और पेशाब के माध्यम से फैल सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राजील के विश्वविख्यात जन स्वास्थ्य शोध संस्थान ‘ओसा क्रूड फांउडेशन’ (फिस्क) के अध्यक्ष पॉलो गवेल ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की।
गवेल ने कहा कि इसे साबित करने के लिए और परीक्षणों की जरूरत है। इस चेतावनी के बाद ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी कि लोगों को किसी अन्य व्यक्ति के टूथब्रश, गिलास जैसी निजी चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और अपने हाथ बार-बार धोने चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि थूक और पेशाब से विषाणु के फैलने की संभावना का अर्थ यह नहीं है कि एडीज एजिप्टी मच्छरों के पनपने को रोकने के उपाय कम कर दिए जाएं, क्योंकि ये न केवल जीका, बल्कि चिकनगुनिया और डेंगू रोग उत्पन्न करने के लिए भी जिम्मेदार हैं।
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