रामपुर. रामपुर में भाजपा नेता को फेसबुक पर कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ टिप्पणी करना मंगलवार को महंगा पड़ गया। पुलिस ने भाजपा के पूर्व जिला मंत्री दिलीप सक्सेना के खिलाफ छवि धूमिल करने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की है।
भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर ताहिर अली ने दर्ज कराई है। उनका कहना है कि वह बीते सोमवार शाम अपना फेसबुक एकाउंट देख रहे थे। उनकी नजर भाजपा नेता दिलीप सक्सेना की आजम के खिलाफ की गई आपत्तिजनक पोस्ट पर पड़ी। यह टिप्पणी आजम खां की छवि धूमिल करने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के उद्देश्य से की गई थी। इसके बाद उन्होंने इस पोस्ट की जानकारी अपने अन्य साथियों को दी। सभी गंज थाने पहुंचे। वहां उन्होंने सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के कृष्णा विहार निवासी भाजपा नेता दिलीप सक्सेना के खिलाफ तहरीर दी। तहरीर पर पुलिस ने दिलीप सक्सेना पर आईपीसी की धारा 153ए और 500 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है और मामले की जांच कर रही है।
इस पूरे मामले में भाजपा नेता दिलीप सक्सेना का कहना है कि उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट राजनीतिक दबाव में दर्ज की गई है। उन्होंने फेसबुक पर किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ टिप्पणी नहीं की है। अपनी बात राष्ट्रहित में जरूर कही है। अपनी बात कहना तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।
क्या है आईपीसी की धारा 153-ए
यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष समूह, जाति, वर्ण या संप्रदाय के आधार पर द्वेष फैलाने वाली पोस्ट या कमेंट सोशल साइट्स पर पोस्ट करता है तो इस धारा के तहत मुकदमा दर्ज होने पर तीन साल की सजा हो सकती है। अगर यह अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो पांच साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।
क्या है आईपीसी की धारा 500
यदि कोई व्यक्ति अपनी पोस्ट या कमेंट में किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध अपमानजनक बातें लिखता है या कमेंट करता है तो यह मानहानि का मामला है। ऐसी पोस्ट या कमेंट करने पर आईपीसी की धारा 500 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके तहत दो साल तक की जेल हो सकती है।
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