महेसाणा : आरक्षण और जेल में बंद समुदाय के नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर पटेल समुदाय की विशाल रैली ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने दो भवनों में आग लगा दी और कुछ पुलिस वाहनों को क्षतिग्रस्त किया। इसके बाद महेसाणा शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अहमदाबाद से 73 किलोमीटर दूर महेसाणा के जिलाधिकारी लोचन सेहरा ने कहा, ‘हमने महेसाणा शहर में सोमवार सुबह तक कर्फ्यू लगाया है। मोबाइल इंटरनेट सेवा को इस अवधि के दौरान निलंबित किया गया है। हिंसक भीड़ ने दो सरकारी संपत्तियों में आग लगा दी---एक उप संभागीय मजिस्ट्रेट और मामलातदार (राजस्व अधिकारी) पथराव की घटना में घायल हुए हैं।’
पुलिस ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम की एक गोदाम और एक जिला कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया। इस सिलसिले में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सूरत में पुलिस ने 435 पटेल आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया। ये प्रदर्शनकारी महेसाणा की घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद सड़क पर उतरे थे। सूरत के पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया ने कहा कि हालात नियंत्रण में है।
जिले के अधिकारियों ने बताया कि सूरत और राजकोट में एहतियाती उपाय के तौर पर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। महेसाणा में पुलिस ने कथित तौर पर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लिया।
पटेल समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे प्रमुख समूहों में से एक सरदार पटेल ग्रुप :एसपीजी: के आह्वान पर ‘जेल भरो आंदोलन’ के तहत पटेल प्रदर्शनकारी मोढेरा चौराहे पर एकत्र हुए थे। एसपीजी प्रमुख लालजी पटेल को पुलिस के साथ टकराव के दौरान सिर में चोट लगी। पुलिस ने दावा किया कि उसने लाठीचार्ज का सहारा तब लिया जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों पर पथराव शुरू किया जबकि लालजी पटेल ने आरोप लगाया कि पटेल आंदोलनकारियों को बिना किसी उकसावे के निशाना बनाया गया।
पटेल ने कहा, ‘हमारा प्रदर्शन पहले की तरह शांतिपूर्ण था। हालांकि, पुलिस ने अचानक मुझपर और हमारे कुछ सदस्यों पर उस वक्त हमला किया जब हम जुलूस के साथ आगे बढ़ रहे थे। आप मेरे चेहरे पर रक्त देख सकते हैं। बिना किसी उकसावे के हमारी पिटाई की गई।’ बाद में पुलिस ने कुछ अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ पटेल को हिरासत में ले लिया।
गुजरात के प्रभारी डीजीपी पी पी पांडेय ने दावा किया कि हालात तब बिगड़ गए जब कुछ लोगों ने हिंसा का सहारा लिया। पांडेय ने कहा, ‘पुलिस हमेशा शांति स्थापित करने के लिए कार्य करती है। शुरुआत में प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। हालांकि, हालात तब बिगड़ गए जब कुछ लोगों ने हिंसा का सहारा लिया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। मैंने हालात से निपटने के लिए पहले ही अतिरिक्त बल को भेजा है।’
इस बीच, एसपीजी के साथ-साथ हार्दिक पटेल नीत पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) ने सोमवार को ‘गुजरात बंद’ का आह्वान किया है। एसपीजी प्रवक्ता पूर्विन पटेल ने कहा, ‘हमारे पटेल भाइयों को आज शांतिपूर्ण रैली के दौरान बेरहमी से पीटा गया। लालजी और कुछ अन्य एसपीजी नेताओं को पुलिस लाठीचार्ज में गंभीर चोट आई है। हम पुलिस बल के अत्यधिक इस्तेमाल की निंदा करते हैं और कल गुजरात बंद का आह्वान किया है।’
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