लखनऊ। आखिरकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हठ के आगे पार्टी के दिग्गजों को झुकना ही पड़ा। मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय रद्द कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके साथ ही कौमी एकता दल का सपा में विलय कराने के सूत्रधार रहे बलराम यादव की कैबिनेट में वापसी हो गई है।
संसदीय बोर्ड की बैठक में चार अहम फैसले लिए गए। पहला फैसला कौमी एकता दल के विलय को रद्द करने का रहा। 2 घंटे तक चली समाजवादी पार्टी की बैठक में ये फैसला लिया गया। इस फैसले से एक बात साफ हो गई कि अपने चाचा शिवपाल यादव पर सीएम अखिलेश यादव भारी पड़ गए हैं। दूसरा अहम फैसला बलराम यादव की अखिलेश मंत्रिमंडल में वापसी का है। कौमी एकता दल के एसपी में विलय से सीएम नाराज हो गए थे। इस विलय के सूत्रधार रहे बलराम यादव को अखिलेश ने फौरन अपने मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। लेकिन अब विलय रद्द होते ही बलराम यादव की वापसी हो गई।
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