यूपी के कानपुर के जूही थाने में एक युवक खून से लथपथ होकर जान बचाने के लिए पहुंचा, लेकिन पुलिस इलाज करवाने की बजाए उससे घंटों तहरीर लिखवाती रही. वह दर्द से तड़प रहा था. उसके मुंह से आवाज तक नहीं आ रही थी. लेकिन इंसानियत भूल चुकी पुलिस उससे घटना की वजह पूछती रही. बाद में मीडिया के हस्तक्षेप के बाद जागी पुलिस ने उसे आनन-फानन में अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
जानकारी के मुताबिक, जिले के जूही थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले इमरान के पड़ोसी रवि ने उसकी गर्दन पर धारदार ब्लेड से वार कर दिया. इमरान किसी तरह अपनी जान बचाकर थाने पहुंचा. इस दौरान उसकी गर्दन से लगातार खून बह रहा था. पूरा कपड़ा खून से तर-बतर था. वह अपनी गर्दन को एक हाथ से दबा कर खून रोकने की असफल कोशिश कर रहा था. लेकिन पुलिस उसे अस्पताल पहुंचाने की बजाए पूछताछ करती रही.
इसी बीच मीडिया भी घटना की सूचना मिलने पर थाने पहुंच गई. इमरान की हालत और पुलिस की उदासीनता देखकर अफसरों को उनकी लापरवाही की तरफ ध्यान दिलाया. तब जाकर पुलिस को होश आया. आनन-फानन में घायल इमरान को अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस की इस लापरवाही के बारे में जब डिप्टी एसपी ज्ञानेंद्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि थाने में उसकी रिपोर्ट लिखी जा रही थी. उससे ज्यादा पूछताछ नहीं की गई.
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