लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए मंगलवार को केन्द्र से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की परोक्ष मांग की और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार को कतई माफ नहीं करेगी।
मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चुनौती दी कि अगर वह कानून-व्यवस्था को लेकर इतने ही गम्भीर हैं तो अपने मंत्रिमण्डल में शामिल सभी आपराधिक छवि वाले मंत्रियों को निकाल बाहर करें।
दिनदहाड़े पुलिसकर्मियों की जान ली जा रही है
बसपा मुखिया ने कहा कि सपा सरकार के संरक्षण में पल रहे असामाजिक, माफिया और साम्प्रदायिक तत्वों का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि वे दिनदहाड़े पुलिसकर्मियों की जान तक ले रहे हैं और सरकार इस घातक गिरावट के प्रति संवेदनशील होने की बजाय शहीदों की जान की कीमत लगाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो लेती है। आज आम जनता के साथ पुलिस और अन्य सरकारी कर्मचारी जितने असुरक्षित हैं, उतने पहले कभी नहीं थे।
आपराधिक छवि वाले मंत्रियों को निकालें
उन्होंने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में यहां के राज्यपाल और केन्द्र सरकार को बिना देर किये अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को प्रदेश हित में जरूर निभाना चाहिये, वरना जनता विधानसभा चुनाव में सपा के साथ-साथ भाजपा और केन्द्र की सरकार को कतई माफ नहीं करेगी।’’ मायावती ने कहा कि सपा ने मुख्तार अंसारी की पार्टी के खुद में विलय को लेकर तरह-तरह के नाटक किए हैं। अगर सपा सरकार वाकई अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था के मामले में जरा भी गम्भीर और संवेदनशील है तो उसे अपने मंत्रिमण्डल में शामिल सभी आपराधिक छवि वाले मंत्रियों को निकाल बाहर करना चाहिये। मगर वह ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो सपा खाली और खोखली हो जाएगी।
यादव परिवार अपना अस्तित्व बचाने में जुटा है
मायावती ने कहा कि सपा ने भले ही मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल के पार्टी में विलय को जरूर खत्म कर दिया है लेकिन इस नाटक के एवज में सपा ने विधानपरिषद और राज्यसभा के चुनाव में उनका इस्तेमाल जरूर कर लिया है। इसे मुख्तार खाली नहीं जाने देंगे। सपा कमजोर प्रत्याशी उतारकर उनकी मदद जरूर करेगी। उन्होंने ‘सपा परिवार’ के लोगों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि यह परिवार अपना अस्तित्व बचाने में जुटा है । इस परिवार को सलाह है कि वह वजूद की लड़ाई लड़ने के बजाय कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार के मुखिया को रथ देकर प्रदेश में भेजे।
सपा-बीजेपी मिले हुए
मायावती ने कहा कि सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत के कारण ही साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल खराब होता है। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि मुजफ्फरनगर में एक भाजपा विधायक और सपा के एक नेता षड्यंत्र रचने जा रहे हैं कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले साम्प्रदायिक दंगे कराये जाएं, ताकि उसकी आग पूरे प्रदेश में फैल जाए और उसका सियासी फायदा उठाया जा सके।
पीएम मोदी पर मायावती का हमला
मायावती ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमला करते हुए कहा कि मोदी प्रदेश में आकर अपनी हर जनसभा में प्रदेश का विकास करने और यहां की गरीबी को दूर करने की बढ़-चढ़कर बातें कर रहे हैं। हमारी पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को याद दिलाना चाहती है कि भाजपा का उत्तर प्रदेश में जो शासनकाल रहा है, उस दौरान प्रदेश का कितना विकास किया और यहां के लोगों की कितनी गरीबी दूर की है।
कालेधन के वादे का क्या हुआ
उन्होंने भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जो वादे किये थे, जनता जानना चाहती है कि उन वादों का क्या हुआ। जमा काला धन वापस लाकर प्रत्येक नागरिक को देने को कहा गया था, वह जनता को अच्छी तरह याद है। बसपा भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से जानना चाहती है कि सरकार के दो साल बीतने के बाद भी कालेधन का एक भी रुपया जनता को क्यों नहीं मिल पाया है।
मायावती ने कहा कि प्रदेश में खासकर बसपा का टिकट लेने के लिये दूसरी पार्टियों में भी भगदड़ मची हुई है। वे अपनी पार्टी के विधायकों को बसपा में जाने से रोकने के लिये मीडिया के जरिये घिनौने हथकंडे अपना रही हैं। मेरी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से पुरजोर अपील है कि वे इन हथकंडों से हमेशा सावधान रहें।
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