बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर बकाए राशि की मांग की है. नीतीश कुमार ने अपने पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि 2016-17 के 12वीं पंचवर्षीय योजना का अंतिम वर्ष होने के कारण 6394.47 करोड़ रुपये इसी वित्तीय साल में जारी किए जाएं, विलंब होने पर इसका सीधा प्रभाव बिहार के विकास पर पड़ेगा, साथ ही योजना की लागत भी बढ़ जाएगी.
12वीं पंचवर्षीय योजना की बाकी रकम मांगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजीआरएफ के तहत विशेष सहायता की बची हुई राशि इसी वित्तीय वर्ष में देने की मांग की है. बीजीआरएफ के तहत 6394.47 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार के पास बकाया है. वित्त मंत्री को भेजे गए पत्र में इस बात का उल्लेख है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना 2012-17 के तहत पुरानी और वर्तमान में जारी विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विशेष योजना के तहत 12000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी.
खत में सभी योजनाओं का जिक्र
स्वीकृत 12000 करोड़ रुपये की राशि में 10,500 करोड़ रुपये नई परियोजनाओं के लिए और 1500 करोड़ रुपये पुरानी जारी योजनाओं की है. नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे पत्र में सभी योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है. पत्र में उल्लेख है कि 10वीं और 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत लंबित परियोजनाओं के लिए जारी 1005.66 करोड़ रुपये में से 818.96 करोड़ रुपये खर्च किये गए और 719.29 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र नीति आयोग को भेज दिया गया है.
नीतीश कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार ने नई और पुरानी जारी परियोजनाओं के लिए साल 2015-16 के लिए 5365.44 करोड़ रुपये का प्रस्ताव नीति आयोग को भेजा था. लेकिन मात्र 1887.53 करोड़ रुपये ही जारी किए गए.
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