नई दिल्ली : कांग्रेस संगठन में इसी महीने फेरबदल हो सकता है और पार्टी में बड़े फेरबदल की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष पद पर ताजपोशी जल्द हो सकती है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी में बड़े फेरबदल की तैयारी हो रही है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगले कुछ हफ्तों में राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंप दी जाएगी। 2014 में लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल और सोनिया दोनों ने ही कहा था कि कांग्रेस संगठन में जल्द बदलाव होंगे, लेकिन ये बदलाव लगातार टलते रहे। अब विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद इस बात की संभावना प्रबल है कि राहुल को पार्टी की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। चूंकि, सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले पार्टी नेता भी यह संकेत दे रहे हैं कि बदलाव की रुपरेखा तैयार हो चुकी है। साथ ही, कांग्रेस के आधे महासचिव भी बदले जाएंगे। इस फेरबदल के बाद जुलाई में पार्टी का चिंतन शिविर होगा।
सूत्रों के अनुसार, राहुल को जिम्मेदारी देने से पहले पार्टी में संगठन के स्तर पर बदलाव होंगे और युवा चेहरों को आगे लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि राहुल अध्यक्ष बनने के बाद चिंतन शिविर करेंगे। इसके पहले वह पार्टी में महासचिव, सचिव और प्रदेश अध्यक्षों को बदलने को लेकर फैसला लेंगे।
इस बात की संभावना है कि शिविर का आयोजन या तो पार्टी के शासन वाले हिमाचल प्रदेश या फिर उत्तराखंड में होगा। 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार इस तरह का आयोजन होगा जिसमें कांग्रेस को 543 सदस्यीय सदन में महज 44 सीटें मिली थीं। चिंतन शिविर ऐसे समय में हो रहा है जब राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख बनाने के बारे में पार्टी के अंदर बात चल रही है।
सोनिया गांधी ने 2003 में पहली बार शिमला में चिंतन शिविर का आयोजन किया था जिसमें उन्होंने धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाने के संकेत दिए थे। उसके अगले वर्ष कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग ने राजग सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। जयपुर में जनवरी 2013 में हुए चिंतन शिविर में राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था और लोकसभा चुनावों में उन्हें पार्टी का ‘चेहरा’ बनाया गया था।
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