नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार की जमानत दे दी। कुमार पर सरकारी ठेके में गड़बड़ी का आरोप है। अदालत ने कुमार को एक लाख रुपए के निजी बॉन्ड पर जमानत दी है।
अदालत सोमवार को राजेंद्र कुमार की जमानत याचिका पर आदेश देने वाली थी लेकिन उसने अपना फैसला मंगलवार तक सुरक्षित रख लिया था।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया था और निजी कंपनी एन्डेवर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड (ईएसपीएल) के मालिक दिनेश कुमार गुप्ता की जमानत याचिका पर 27 जुलाई को सुनवाई तय की।
इससे पहले अदालत ने गुप्ता के बैंक खाते पर लगी रोक हटाने का आदेश दिया था। गुप्ता ने अदालत से कहा था कि बैंक खातों पर रोक लगाए जाने के कारण वह और उनका परिवार मुश्किल समय से गुजर रहा है।
राजेंद्र कुमार और गुप्ता के अलावा तीन दूसरे आरोपियों - केजरीवाल के कार्यालय में पूर्व उप सचिव तरूण शर्मा, राजेंद्र कुमार के करीबी सहयोगी अशोक कुमार और एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के प्रबंध निदेशक आर एस कौशिक ने मामले में अदालत में जमानत याचिका दायर की है। पांचों आरोपियों के अलावा सीबीआई ने ईएसपीएल के सह मालिक संदीप कुमार और कौशिक के पूर्ववर्ती, इंटलीजेंट कॅम्युनिकेशन सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड (आईसीएसआईएल) के पूर्व महानिदेशक जी के नंदा को भी गिरफ्तार किया था। आईसीएसआईएल दिल्ली सरकार का एक उपक्रम है।
सीबीआई के अनुसार पांचों आरोपी 50 करोड़ रुपए से अधिक के सरकारी ठेके दिलाने के लिए ईएसपीएल को अनुचित फायदा पहुंचा रहे थे।
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