लखनऊ: अखिलेश यादव की सरकार अब पत्रकारों को फ़्लैट का तोहफा देने की तैयारी में है. वो भी बाजार से कम कीमत पर. लखनऊ में इसके लिए ज़मीन ढूंढने को कहा गया है. आपको बता दें कि इससे पले उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी मुख्यमंत्री रहते हुए पत्रकारों को प्लॉट दे चुके है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ के पत्रकारों को आज अपने घर लंच बुलाया था. बहाना जमाष्टमी का था. घंटे भर तक पत्रकारों के संग अखिलेश ने बातें की. कुछ शिकायतें की और कुछ शिकवे किए और कुछ हिदायतें भी दी.
‘आप सभी को दिया जाएगा लखनऊ में फ़्लैट’
पत्रकारों ने अपने मन की बातें की. सबने कहा अगर घर मिल जाये तो ज़िन्दगी आसान हो जाएगी. अखिलेश यादव ने भी एलान कर दिया “आप सबको लखनऊ में फ़्लैट दिया जाएगा. मैंने अफसरों से कह दिया है अगले पंद्रह दिनों में नियम बना दिया जाए. आज हम ये काम कर रहे है, जल्द ही दूसरे राज्यों में भी सरकारें ये योजना शुरू कर देंगी.”
दरअसल यूपी के सीएम अखिलेश यादव चाहते हैं कि 2017 में चुनाव होने से पहले पत्रकारों के लिए घर की योजना शुरू हो जाए. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ये फ्लैट लखनऊ के वृन्दावन या फिर सुल्तानपुर रोड पर बनाये जाएंगे.
पत्रकारों का मन जीतने का दांव
आपको बता दें कि अगले साल की शुरुआत में यूपी में विधान सभा चुनाव होने है. अखिलेश यादव की ये पहली अग्नि परीक्षा है. विपक्ष के साथ साथ अखिलेश अपने घर और समाजवादी पार्टी में भी लड़ाई लड़ने को मजबूर है. फ़्लैट देने के बहाने उन्होंने पत्रकारों का मन जीतने का दांव चला है. शायद इसी बहाने अखबार और न्यूज़ चैनलों में अखिलेश और उनकी सरकार के लिए अच्छा हो जाए.
मुलायम ने शुरु की थी परम्परा
वैसे पत्रकारों को घर और ज़मीन देने की परम्परा की शुरुआत मुलायम सिंह यादव ने की थी. लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर में पत्रकारपुरम नाम से एक कॉलोनी ही मुलायम सरकार में बस गया था. पत्रकारों को ज़मीन भी रियायती दर पर दी गयी थी. बाज़ार के भाव से काफी कम कीमत पर. उस जमाने में कुछ लोग ऐसे भी थे जो रियायती रेट पर भी ज़मीन लेने की हालत में नहीं थे. मुलायम ने उन लोगों की आर्थिक मदद भी की थी.
यूपी में पत्रकारों को सरकार की तरफ से रहने के लिए सरकारी घर भी मिलता है. कई पत्रकार तो ऐसे भी है जो सरकार से ज़मीन भी ले चुके है और सरकारी मकान में भी रहते है. कुछ पर तो किराए का लाखों रुपये भी बकाया है.
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