अमृतसर से तीन बार सांसद रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को औपचारिक रूप से भाजपा छोड़ दी। उन्होंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सिद्धू ने अपना इस्तीफा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भेजा।
सिद्धू ने 18 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। तभी यह तय हो गया था कि वो भाजपा से पूरी तरह से अलग हो जाएंगे। सिद्धू की पत्नी और अमृतसर से विधायक नवजोत कौर ने भी विधानसभा से स्तीफा दे दिया। विधायकी छोडऩे के फैसले पर नवजोत कौर ने कहा,मैंने केवल अपने क्षेत्र के मुद्दे उठाए थे जिसकी इजाजत पार्टी ने मुझे नहीं दी। यह लोकतंत्र नहीं तानाशाही है। अगर मैं सामाजिक मुद्दे उठाती हूं तो यह पार्टी विरोधी गतिविधि कैसे हुई?
इससे पहले सिद्धू ने पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह के साथ मिलकर नए फ्रंट आवाज ए पंजाब की घोषणा की थी। आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगने के बाद सिद्धू ने नए फ्रंट की घोषणा की थी। सिद्धू का मोर्चा पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। आम आदमी पार्टी में शामिल नहीं होने पर सिद्धू ने कहा था, अरविंद केजरीवाल उन्हें चुनाव लड़वाना नहीं सिर्फ प्रचार करवाना चाहते थे। बकौल सिद्धू,केजरीवाल मुझे एक शोपीस बनाना चाहते थे। केजरीवाल ने मुझसे चुनाव न लडऩे और सिर्फ पार्टी के लिए प्रचार करने को कहा। मेरी पत्नी को मंत्री बनाने का वादा जरूर किया गया था।
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