नई दिल्ली : तुर्की ने एनएसजी में भारत की सदस्यता के प्रयास के समर्थन को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई और कहा कि नई दिल्ली को पहले 48 सदस्यीय इस समूह में अपने पक्ष में सहमति बनानी चाहिए।
तुर्की उन देशों में शामिल है जिन्होंने इस साल जून में दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में एनएसजी की बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया था कि सदस्यता के प्रयास के संदर्भ में भारत के लिए कोई रियायत नहीं होनी चाहिए क्योंकि उसने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। अमेरिका के पुरजोर समर्थन के बावजूद चीन ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने को आधार बनाकर भारत के दावे का विरोध किया था।
तुर्की के विकास मंत्री लुत्फी एलवान ने यहां कहा, ‘परमाणु निरस्त्रीकरण के संदर्भ में हम एनएसजी के साथ जा रहे हैं और मुझे लगता है कि भारत सरकार को इस मामले पर (समूह के) दूसरे देशों को मनाने की जरूरत है। हम परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के पक्ष में हैं।’
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