आगरा - लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव को बड़ा झटका देने जा रहे हैं। अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपाई समाजवादी पार्टी को मुलायम सिंह यादव से पूरी तरह से मुक्त करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए न सिर्फ पार्टी संविधान में बदलाव किया गया है, बल्कि मुलायम के समय गठित कार्यकारिणी में भी फेरबदल किये जाने की तैयारी है। पांच अक्तूबर को आगरा में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश की सपा का नया रूप दिखेगा।
ये प्रतिनिधि चुनेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष
सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों आगरा सहित पूरे प्रदेश में चले सक्रिय सदस्यता अभियान के दौरान सदस्यों की पांच साल के लिए पर्ची काटी गई थी। इन सक्रिय सदस्यों में से चुने गए दस फीसदी प्रतिनिधि तारघर मैदान पर होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होंगे। ये प्रतिनिधि सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे। इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष पांच साल के लिए चुना जाएगा। मुलायम की सपा में तीन साल के लिए ही अध्यक्ष चुना जाता था। साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी कार्यकारिणी चुनने का भी अधिकार रहेगा। विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर अखिलेश यादव को आसीन किया गया था, लेकिन कार्यकारिणी पुरानी ही चल रही थी।
4 अक्टूबर को आगरा में बैठक
राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद अखिलेश यादव पहली बार अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी गठित करेंगे। इससे पहले 23 सितंबर को लखनऊ में पार्टी का राज्य स्तरीय सम्मेलन है। इसमें कुल सक्रिय सदस्यों में से चुने गए 15 फीसदी प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। चार अक्तूबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आगरा में बैठक होगी। अगले दिन तारघर मैदान पर खुले सम्मेलन में अध्यक्ष का चुनाव और पार्टी के मुद्दों पर चर्चा होगी। जिला अध्यक्ष रामसहाय यादव का कहना है कि इस बार सक्रिय सदस्यों की पर्ची पांच साल के लिए काटी गई है।
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