लखनऊ। 16 माह की सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौकरशाही को सुधारने के लिए कई बार नसीहत और चेतावनी दी, लेकिन यूपी की नौकरशाही अपने ढर्रे को बदलने को तैयार नहीं हो रही है। यही वजह है कि सीएम योगी ने आज दागी अफसरों के खिलाफ लंबित मामलों की फाइल तलब की है। इसे लेकर उन्होंने एक बैठक भी बुलाई है। इसमें सौ से ज्यादा आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस अफसरों के मामले शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले करप्शन पर योगी का एक्शन
बैठक में मुख्य सचिव के साथ प्रमुख सचिव गृह, अभियोजन और सतर्कता विभाग के अफसर मौजूद रहेंगे। यह भी माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा संदेश देने के लिए करप्शन के खिलाफ कड़ा एक्शन हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि मेरठ में हुए राशन कार्ड घोटाले में दो बड़े अफसरों के खिलाफ कार्रवाई लंबित है। यह फाइल गृह विभाग के पास कई महीने से अटकी हुई है। इसमें अफसरों के नाम तो सामने आ गए थे पर दबाव में कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके साथ ही तीन अफसरों के घर पर इनकम टैक्स की रेड हुई थी।
खनन, शिक्षा, बिजली और खाद्यान्न विभाग के अफसरों पर गिरेगी गाज
इस मामले में भी आगे कार्रवाई करने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने रिपोर्ट भेज दी थी। इस पर आगे भी एक्शन लिया जा सकता है। इसके साथ ही कुछ अफसरों को हटा तो दिया गया था, पर सस्पेंशन या बड़ी कार्रवाई नहीं की गई थी। कुछ अफसरों के खिलाफ आर्थिक मामलों पर कार्रवाई लंबित है। मंगलवार को इस पर कार्रवाई हो सकती है। जिन अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है उनमें खनन, शिक्षा, बिजली और खाद्यान्न विभाग के अफसर शामिल हैं।
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