रेल मंत्रालय लॉकडाउन के चलते होने वाले घाटे को पाटने के लिए 13 लाख से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन और भत्ते पर कैंची चलाने की योजना बना रहा है। इसके तहत टीए, डीए सहित ओवर टाइम ड्यूटी के भत्तों को समाप्त किया जाएगा।
रेल ड्राइवर-गार्ड को ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलने वाला भत्ता भी नहीं दिया जाएगा। रेलवे का तर्क है कि ड्यूटी करने के लिए कर्मचारियों को भत्ता क्यों दिया जाए। रेलवे पहले ही गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रही है। लॉकडाउन से हालत ओर पतली हो गई है। इसे देखते हुए ओवर टाइम ड्यूटी के लिए मिलने वाले भत्ते में 50% कटौती करने की जरूरत है।
35 फीसदी तक वेतन कम:-
मेल-एक्सप्रेस के ड्राइवर-गार्ड को 500 किलामीटर पर मिलने वाले 530 रुपये भत्ते में 50% कमी का सुझाव है। रेलकर्मियों के वेतन में छह माह तक कैंची चलाने की सिफारिश की गई है। इसमें 10 फीसदी से 35 फीसदी तक की कटौती की जाएगी।
50% की कटौती संभव:-
यात्रा, मरीज देखभाल, किलोमीटर समेत नॉन प्रैक्ट्रिस भत्ता में एक वर्ष तक 50% कटौती होनी चाहिए। कर्मचारी एक महीने ऑफिस नहीं आता है तो परिवहन भत्ता सौ फीसदी कटे। बच्चों के पढ़ाई भत्ता के लिए 28 हजार मिलते हैं। इसकी समीक्षा होगी।
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