नोएडा की बहुचर्चित मर्डर मिस्ट्री, जिसका खुलासा कर पाने में सीबीआई भी फेल हो गई और हार मान ली। 12 साल बाद भी यह सवाल बरकरार है कि आरुषि और हेमराज का कत्ल किसने किया और क्यों यह राज आज तक नहीं खुला। जिसका खामियाजा आरुषि के मां-बाप को भुगतना पड़ा। उन्हें अपनी बेटी की हत्या के आरोप में लंबा समय जेल में काटना पड़ा।
विहार के एक फ्लैट में स्थित आरुषि और हेमराज की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसका खुलासा 16 मई की सुबह उस समय हुआ जब घरेलू सहायिका काम करने के लिए आरुषि के कमरे में पहुंची तो उसका शव बेडरूम में पड़ा था। जिसके बाद कहा गया कि घरेलू नौकर हेमराज आरुषि की हत्या कर फरार हो गया है। पुलिस हेमराज की तलाश में जुट गई। 24 घंटे में ही हेमराज की लाश भी घर की छत पर ही मिल गई।
पूरे मामले की जांच उलझी हेमराज की लाश मिलते ही इस मामले की जांच भी उलझ गई। 18 मई 2008 को पुलिस ने दावा किया कि हत्या सर्जिकल ब्लेड से की गई है और फिर मर्डर का शक आरुषि के माता-पिता डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार पर चला गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 अक्तूबर 2017 में राजेश और नूपुर को बरी कर दिया और आज तक भी यह राज कायम है कि आखिर आरुषि और हेमराज की हत्या किसने और क्यों की।
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