महज 14 साल की उम्र में अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले एक 18 साल के लड़के की कंपनी में टाटा ने 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। टाटा समूह के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने मुंबई के अर्जुन देशपांडे की कंपनी 'जेनरिक आधार' में 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। यह कंपनी खुदरा दुकानदारों को बाजार से सस्ती दर पर दवाएं बेचती है। जेनेरिक आधार में 55 कर्मचारी हैं, जिनमें फार्मासिस्ट,आईटी इंजीनियर और मार्केटिंग प्रोफेशनल शामिल हैं। अभी कंपनी का 6 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करती है और उसकी नजर अगले तीन वर्षों में 150-200 करोड़ रुपये के टर्नओवर के लक्ष्य पर है।
सूत्रों के अनुसार, रतन टाटा ने यह निवेश व्यक्तिगत स्तर पर किया है और इसका टाटा समूह से लेना-देना नहीं है। इसके पहले भी रतन टाटा ओला, पेटीएम, स्नैपडील, क्योरफिट, अरबन लैडर, लेंसकार्ट और लाइबरेट जैसे कई स्टार्टअप में निवेश कर चुके हैं। देशपांडे ने इस सौदे की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने यह बताने से इंकार किया कि यह सौदा कितनी रकम में हुआ है। देशपांडे ने बताया कि बिजनेस टायकून रतन टाटा उनके पार्टनर बनना चाहते थे और कारोबार को चलाने के लिए उनके मेंटोर भी। बिजनेस टुडे के मुताबिक अर्जुन देशपांडे ने बताया, 'सर रतन टाटा ने दो दिन पहले ही जेनरिक आधार में 50 फीसदी हिस्सेदारी ली है, इस बारे में औपचारिक घोषणा जल्दी ही की जाएगी।'
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