सिर्फ पिता आरडी बाजपेयी ही नहीं बल्कि उनकी बेटी को जानने वाला हर शख्स सकते में है कि उसने ऐसा क्यों कर दिया। पूरा परिवार बिटिया को बहुत प्यार करता था। वहीं बेटी भी उस मां और भाई से बेहद प्यार करती थी जिन्हें उसने मौत के घाट उतार दिया। पिता के प्यार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने बिटिया के लिए विकेकानंद मार्ग स्थित रेलवे की कोठी नम्बर-09 के पीछे की तरफ 10 मीटर एयर पिस्टल की शूटिंग रेंज तक तैयार करवा दी थी।
हरफनमौला है बिटिया
आरडी बाजपेयी की बिटिया हरफनमौला है। पढ़ाई में वह मेधावी है। वह बहुत रचनात्मक थी। जब वह कक्षा-7 की पढ़ाई कर रही थी तो एक ख्यातिप्राप्त बुक स्टोर ने बुक मार्क बनाने की एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसमें इनकी बिटिया पहले स्थान पर रही। उसे 20 हजार रुपये का नगद पुरस्कार भी मिला था। साथ ही देश भर में इस बुक स्टोर के केंद्रों पर उनके बुकमार्क लोगों को उपलब्ध कराये गए।
वह जल्दी किसी घुलती मिलती नहीं है
लॉकडाउन के पहले भोपाल में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप की जूनियर कैटगरी में उसके साथ हिस्सा लेने वाली एक निशानेबाज ने बताया कि वह लोगों से ज्यादा घुलती-मिलती नहीं थी। उसके ज्यादा दोस्त नहीं थी। किसी-किसी से हाय...हेलो हो गई तो हो गई नहीं तो घर से कर्णी सिंह रेंज और वहां से सीधे घर जाती थी।
बंगाल की तरफ से खेलती है
आरडी बाजपेयी की बिटिया अभ्यास दिली और अपने राजधानी स्थित घर पर करती थी। पर निशानेबाजी वह पश्चिम बंगाल की तरफ से करती थीं। वह आसनसोल राइफल क्लब की सदस्य हैं। वह राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पश्चिम बंगाल की तरफ से हिस्सा लेती थीं। बंगाल की राज्य निशानेबाजी में उसने कई बार पदक जीते हैं। वह .22 की 25 मीटर स्पर्धा, 10 मीटर एयर पिस्टल और 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धाओं में हिस्सा लेती थीं।
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