अहमदाबाद। पटेलों को वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल करने का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाते हुए जेल में बंद हार्दिक पटेल ने मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को एक पत्र लिख कर सवाल पूछा है कि क्या वह इसी समुदाय से हैं। सूरत जेल से भेजे गए अपने पत्र में हार्दिक ने यह आरोप भी लगाया है कि वह झुकने से इंकार करने वाले कई नेताओं को पार्टी दरकिनार कर रही है। हार्दिक ने कहा है कि एक कार्यक्रम में आपके भाषण के दौरान कुछ दिन पहले, आपने कहा कि पटेल स्वार्थी और चोर हैं। अब मुझे शक है कि क्या आप सचमुच में पटेल समुदाय से हैं। किस आधार पर आपने पटेलों को स्वार्थी और चोर कहा?
हार्दिक ने कहा कि पटेल बीजेपी की जागीर नहीं है, इसलिए हमारा दमन नहीं करें। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आरक्षण की हमारी मांग का समर्थन करें, नहीं तो हमारा आंदोलन गुजरात के राजनीतिक दृश्य को बदल कर रख देगा। हार्दिक पटेल ने यह भी कहा है कि बीजेपी अपने राजनैतिक फायदे के लिए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अंग्रेजों की बांटो और राज करो नीति पर अमल करते हुए संघर्ष करा रही है।
मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में हार्दिक ने लिखा है कि उनकी लड़ाई केवल नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की नहीं है। बल्कि, पुरुषों और महिलाओं के बीच और अमीरों और गरीबों के बीच भेदभाव को मिटाना भी है। देशद्रोह के आरोपी हार्दिक ने कहा कि गुजरात में बीते दो दशकों में भाजपा को आगे बढ़ाने में पटेल समुदाय ने कई बलिदान दिए। लेकिन, आज 2002 के दंगे के बाद समुदाय के कम से कम 80 लोग जेल में हैं।
हार्दिक ने कहा कि सत्ता में आने के बाद इसी पार्टी ने 10 पटेल युवाओं को मार डाला और सैकड़ों को जेल में डाल दिया। इस भ्रम में मत रहिएगा कि आप लंबे समय तक सत्ता में रहेंगी। पत्र में हार्दिक ने इन बातों को लिखने के साथ ही कहा है कि आरक्षण के लिए आंदोलन में उनसे हो सकता है कि गलती हुई हो और इसके लिए वह आनंदीबेन उन्हें माफ कर दें। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन गरीबी और बेरोजगारी के खिलाफ एक प्रतिक्रिया था। उन्होंने लिखा कि हजारों लोगों को गुजरात में खाना नहीं मिलता। किसान खुदकुशी पर मजबूर हो रहे हैं। उच्च शिक्षा बेहद महं
गी हो गई है। पटेल युवाओं का आंदोलन इन सबके खिलाफ था।
हार्दिक ने लिखा है कि हालांकि आनंदीबेन खुद पटेल हैं लेकिन उन्होंने पटेल युवाओं के खिलाफ पुलिस को लगा दिया। हार्दिक ने लिखा कि आनंदीबेन पटेल नहीं हैं। इस बीच, आनंदीबेन पटेल ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और पटेल नेताओं के साथ बैठक की है। कोशिश हो रही है कि जेल में बंद पटेल युवकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं।
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