नोएडा। यूपी बोर्ड नकल माफियाओं पर लगाम कसने के लिए अब नए तरीके तलाश कर रहा है। नए निर्देश के अनुसार बोर्ड की कॉपियों पर ज्यादा काट-छांट करना छात्रों के लिए भारी पड़ सकता है। ३० फीसदी से अधिक प्रश्न काटकर सही लिखे गए तो परीक्षार्थी को नकलची माना जाएगा। एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी।
काट छांट की शिकायत पहले भी आई
बोर्ड के अनुसार कॉपियों में काट छांट की शिकायतें पहले भी आई है। मूल्यांकन के दौरान काफी कॉपियों में ज्यादातर प्रश्नों को काटकर दोबारा से उत्तर लिखा होता है, इसे देखकर ऐसा लगता कि जैसे नकल हुई हो।
अब बोर्ड ने ऐसी कापियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा है कि अगर कापियों पर एक के बाद एक लगातार 30 फीसदी प्रश्न काटकर सही लिखे हुए मिलते हैं तो ऐसी कॉपियों को नकल की श्रेणी में रखा जाए। ऐसी कॉपियों की रिपोर्ट तैयार कर संबंधित एफआईआर भी दर्ज कराई जाए।
कॉपियों पर नाम भी नहीं लिखे
यही नहीं कॉपियों पर नाम और स्कूल का नाम लिखना भी स्टूडेंट्स को भारी पड़ सकता है। फरवरी माह में शुरू होने वाले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट लेवल के बोर्ड एग्जाम को लेकर मुख्यालय से सख्त आदेश आ गए हैं। इस संबंध में अभी हाल में बोर्ड की बैठक भी हुई है। बोर्ड के अनुसार अगर कोई स्टूडेंट काॅपियों पर अपना नाम व स्कूल का नाम लिखता है तो ऐसे में उसकी काॅपी को अलग से रखा जाए और उसकी रिपोर्ट तैयार की जाए।
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