अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर बयानबाजी करने वाले अपने नेताओं को
लेकर सपा का दोहरा रुख सामने आ रहा है। मंदिर निर्माण की वकालत के साथ ही
आर्थिक सहयोग और सोने का मुकुट दान करने का एलान करने वाले विधान परिषद
सदस्य बुक्कल नवाब के बारे में पार्टी ने चुप्पी साध ली है जबकि इससे पहले
इसी तरह की बयानबाजी पर मनोरंजन कर विभाग के सलाहकार ओमपाल नेहरा के खिलाफ
तत्काल कार्रवाई कर दी गई थी।
शनिवार को सपा के वरिष्ठ नेताओं ने बुक्कल के बयान पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया।
शुक्रवार को एमएलसी बुक्कल नवाब ने अयोध्या में राम मंदिर की पैरवी करके इस मुद्दे को गरमा दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि मंदिर निर्माण के लिए वह 10 लाख रुपये देंगे और मंदिर बनने पर भगवान राम को सोने का मुकुट चढ़ाएंगे।
नके बयान पर वरिष्ठ मंत्री और सपा के मुख्य प्रवक्ता शिवपाल यादव ने अप्रत्यक्ष तौर पर उनका बचाव ही किया है। जहां बुक्कल नवाब ने जोर देकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की वकालत की, वहीं शिवपाल ने इसे मामूली बात बताकर किनारा कर लिया।
उन्होंने कहा, बुक्कल राम मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं लेकिन अयोध्या में नहीं। यह मुद्दा अदालत में विचाराधीन है। अदालत का फैसला आने तक वहां न कोई ईंट उठेगी और न रखी जाएगी।
इससे पहले 23 दिसंबर को बिजनौर में चौधरी चरण सिंह जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में ऐसा ही बयान देने पर मनोरंजन कर विभाग के सलाहकार और मुलायम सिंह यादव के पुराने साथी ओमपाल नेहरा पर तत्काल कार्रवाई करके उन्हें पद से हटा दिया गया था।
इस बारे में ओमपाल सिंह नेहरा का कहना है कि मंदिर-मस्जिद विवाद का हमेशा के लिए खात्मा करने के उद्देश्य से मैंने देश के सामने समाधान पेश किया था। मैंने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर और मथुरा में कृष्ण मंदिर बनें। दोनों जगह ढाई-ढाई किमी की दूरी पर मस्जिदों का निर्माण कराया जाए।
दोनों फिरके (हिंदू-मुस्लिम) मिलकर मंदिर और मस्जिद का निर्माण करें। साथ ही भारत सरकार कानून बनाए कि इसके बाद हिंदू संगठन किसी और मस्जिद पर दावा नहीं करेंगे और न ही किसी मस्जिद को गिराएंगे।
दूसरा समाधान यह दिया था कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले में डे-टू-डे सुनवाई का आग्रह करे। इससे कोर्ट का फैसला जल्दी आ जाएगा। निर्णय जो भी आए, दोनों फिरकों को इसे मानना चाहिए।
नेहरा ने कहा, एमएलसी बुक्कल नवाब का बयान मैंने सुना और पढ़ा है। उनके बयान पर पार्टी के रुख को लेकर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
शनिवार को सपा के वरिष्ठ नेताओं ने बुक्कल के बयान पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इन्कार कर दिया।
शुक्रवार को एमएलसी बुक्कल नवाब ने अयोध्या में राम मंदिर की पैरवी करके इस मुद्दे को गरमा दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि मंदिर निर्माण के लिए वह 10 लाख रुपये देंगे और मंदिर बनने पर भगवान राम को सोने का मुकुट चढ़ाएंगे।
नके बयान पर वरिष्ठ मंत्री और सपा के मुख्य प्रवक्ता शिवपाल यादव ने अप्रत्यक्ष तौर पर उनका बचाव ही किया है। जहां बुक्कल नवाब ने जोर देकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की वकालत की, वहीं शिवपाल ने इसे मामूली बात बताकर किनारा कर लिया।
उन्होंने कहा, बुक्कल राम मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं लेकिन अयोध्या में नहीं। यह मुद्दा अदालत में विचाराधीन है। अदालत का फैसला आने तक वहां न कोई ईंट उठेगी और न रखी जाएगी।
इससे पहले 23 दिसंबर को बिजनौर में चौधरी चरण सिंह जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में ऐसा ही बयान देने पर मनोरंजन कर विभाग के सलाहकार और मुलायम सिंह यादव के पुराने साथी ओमपाल नेहरा पर तत्काल कार्रवाई करके उन्हें पद से हटा दिया गया था।
इस बारे में ओमपाल सिंह नेहरा का कहना है कि मंदिर-मस्जिद विवाद का हमेशा के लिए खात्मा करने के उद्देश्य से मैंने देश के सामने समाधान पेश किया था। मैंने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर और मथुरा में कृष्ण मंदिर बनें। दोनों जगह ढाई-ढाई किमी की दूरी पर मस्जिदों का निर्माण कराया जाए।
दोनों फिरके (हिंदू-मुस्लिम) मिलकर मंदिर और मस्जिद का निर्माण करें। साथ ही भारत सरकार कानून बनाए कि इसके बाद हिंदू संगठन किसी और मस्जिद पर दावा नहीं करेंगे और न ही किसी मस्जिद को गिराएंगे।
दूसरा समाधान यह दिया था कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले में डे-टू-डे सुनवाई का आग्रह करे। इससे कोर्ट का फैसला जल्दी आ जाएगा। निर्णय जो भी आए, दोनों फिरकों को इसे मानना चाहिए।
नेहरा ने कहा, एमएलसी बुक्कल नवाब का बयान मैंने सुना और पढ़ा है। उनके बयान पर पार्टी के रुख को लेकर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
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