पटना. बिहार झारखंड का आतंक माना जाने वाला मनोज को पटना पुलिस
ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। मनोज हत्या की सुपारी लिया करता था और
उसका बेटा हत्या को अंजाम दिया करता था। पुलिस ने बाप बेटे गिरोह के 5 और
शूटरों को भी गिरफ्तार किया है।
बिहार झारखंड का आतंक है मनोज
हत्या, अपहरण, डकैती व रंगदारी जैसे 24 आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर नौबतपुर-बिहटा का आतंक बन चुके कुख्यात मनोज सिंह को उसके पांच गुर्गों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अपराध जगत में वर्ष 2004 से मनोज सक्रिय है।
हत्या, अपहरण, डकैती व रंगदारी जैसे 24 आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर नौबतपुर-बिहटा का आतंक बन चुके कुख्यात मनोज सिंह को उसके पांच गुर्गों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अपराध जगत में वर्ष 2004 से मनोज सक्रिय है।
12 साल से चल रहा था फरार
सितंबर, 2015 में जिला पार्षद कविता देवी के पति लुलन शर्मा की
नौबतपुर पोस्ट ऑफिस के पास सरेशाम हत्या करने के बाद उसका आतंक चरम पर
पहुंच गया। पुलिस मुख्यालय ने उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था।
शुक्रवार को बिक्रम इलाके में उसके पहुंचने की सूचना पर पुलिस ने पुख्ता
घेराबंदी कर उसे धर दबोचा।
उसके पास से 1 कार्बाइन, 3 पिस्टल, 1 रायफल व 50 गोलियां बरामद की
गईं। पकड़े गए गुर्गों में मनोज का बेटा आदित्य उर्फ मानिक भी शामिल है।
अन्य की पहचान मनीष उर्फ बबलू (नौबतपुर), मन्चु मुचकुना उर्फ अभिषेक कुमार
(चिचोस), सुशील कुमार (चिचोस) और विकास कुमार (नौबतपुर) के रूप में की गई
है।
मनोज ने झारखंड में दो वारदातों को अंजाम दिया है। जमशेदपुर के जुबली
पार्क के पास ठेकेदार रामसकल यादव को गोलियों से छलनी कर दिया था। इस कांड
के बाद झारखंड पुलिस को भी उसकी तलाश थी।
लुलन शर्मा को सरेशाम किया था गोलियों से छलनी
नौबतपुर में वर्चस्व कायम करने के लिए मनोज ने लुलन शर्मा को बीच
बाजार गोलियों से छलनी कर दिया था। बाजार समिति पर लुलन का कब्जा था। इस
हत्या के बाद नौबतपुर से उसे रंगदारी मिलने लगी थी। बाजार समिति पर भी उसने
एक तरह से कब्जा कर लिया था।
बेटे को साथ रखता है मनोज
मनोज अपने 18 वर्षीय बेटे को साथ रखता था। वारदात के वक्त भी मानिक
उसके साथ ही रहता था। विक्रम में जब पुलिस ने मनोज को दबोचा उस वक्त भी
मानिक साथ ही था।
करोड़ों की उगाही की
मनोज ने करोड़ों रुपए रंगदारी से कमाए। उसे रंगदारी देनेवालों में झारखंड के भी व्यवसायी थे। उसके नाम जमशेदपुर से 1 करोड़ रुपए रंगदारी वसूलने तथा नौबतपुर के स्वर्ण व्यवसायी से 2 लाख रुपए रंगदारी लेने का पुलिस रिकॉर्ड है। उसके गिरोह से जुड़े अपराधी चौक-चौराहों पर हवाई फायरिंग व पिस्तौल लहराकर दहशत मचाते थे। लूट-डकैती भी गिरोह करता था।
मनोज ने करोड़ों रुपए रंगदारी से कमाए। उसे रंगदारी देनेवालों में झारखंड के भी व्यवसायी थे। उसके नाम जमशेदपुर से 1 करोड़ रुपए रंगदारी वसूलने तथा नौबतपुर के स्वर्ण व्यवसायी से 2 लाख रुपए रंगदारी लेने का पुलिस रिकॉर्ड है। उसके गिरोह से जुड़े अपराधी चौक-चौराहों पर हवाई फायरिंग व पिस्तौल लहराकर दहशत मचाते थे। लूट-डकैती भी गिरोह करता था।
पहली पत्नी है शिक्षिका
जमीन विवाद में पिता की हत्या के बाद उसने 2004 में आपराधिक सफर शुरू किया था। अब तक दो दर्जन वारदात उसके नाम दर्ज हो चुके हैं। नौबतपुर के शंभुकुरा गांव में उसका परिवार रहता था। उसने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी शिक्षिका है। जबकि 2011 में उसने प्रेम विवाह किया था। उसकी एक बेटी भी है, जो गांव में ही रहकर पढ़ाई करती है।
जमीन विवाद में पिता की हत्या के बाद उसने 2004 में आपराधिक सफर शुरू किया था। अब तक दो दर्जन वारदात उसके नाम दर्ज हो चुके हैं। नौबतपुर के शंभुकुरा गांव में उसका परिवार रहता था। उसने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी शिक्षिका है। जबकि 2011 में उसने प्रेम विवाह किया था। उसकी एक बेटी भी है, जो गांव में ही रहकर पढ़ाई करती है।
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि मनोज की गिरफ्तारी बड़ी सफलता है।
गिरोह के अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
बिहार-झारखंड तक उसने नेटवर्क बना लिया था।
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