
हम अपने यहां के अनुभव से जानते हैं कि सामान्य तौर पर अस्पताल यह कहकर पीछा छुड़ाने की कोशिश करते हैं कि बच्चे बदल जाने में हमारी गलती नहीं है और हम अपने दस्तावेज देखेंगे। लेकिन इस अस्पताल ने उनकी मदद करने का फैसला किया है। उसने 1990 में 15 अक्टूबर से 20 नवंबर के बीच अपने यहां जन्मे सभी 200 बच्चियों और उनके माता-पिता को डीएनए जांच के लिए बुलाया है। इससे पता चलेगा कि कहीं बच्ची बदल तो नहीं गई थी। ऐसा हुआ तो दो लोगों को अ
पने असली मां-बाप से मिलने का मौका मिलेगा।
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