नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने आज हाईकोर्ट में ऑड ईवन फॉर्मूले पर अपनी रिपोर्ट पेश की। सरकार ने कोर्ट को बताया कि ऑड ईवन फार्मूला एक इमरजेंसी कदम था, क्योंकि दिल्ली की हवा बेहद खराब थी। सरकार ने केंद्र सरकार से हवा को साफ रखने के लिए पावर प्लांट बंद करने को कहा था।
अदालत में दिल्ली सरकार ने बताया कि जो अध्ययन उसने किया है उसके मुताबिक 15 दिन तक इस फार्मूले को लागू करने की दिल्ली में जरूरत है। ये समय बढ़ भी सकता है।
सरकार की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे का कहना था कि ठंड में हवा नहीं चलती जबकि गर्मी में हवा चलती है। अगर अभी से हवा को साफ रखने का काम शुरू किया गया तो 2019 तक दिल्ली की हवा साफ हो पाएगी।
सरकार ने कहा कि ऑड ईवन फार्मूले से पीक टाइम में प्रदूषण आधा हुआ है, हालांकि मौसम प्रदूषण के हिसाब से बेहद खराब था। इस फार्मूले ने प्रदूषण स्तर को अधिकतम स्तर पर जाने से रोका है। हालांकि अब भी प्रदूषण का स्तर 391 है, लेकिन ये और खतरनाक होता अगर ऑड ईवन नहीं होता।
कोर्ट में सरकार ने कहा कि ये समय बढ़ भी सकता है। दिल्ली सरकार ने कहा कि ऑड ईवन फार्मूले का पाजिटिव असर दिल्ली में पड़ रहा है। सरकार की एनवायरमेंट कमेटी ने ये बात कही है। एनवायरमेंट प्रीवेंशन कंट्रोल एंड प्रोटेक्शन अथारिटी ने रिपोर्ट पेश की है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि प्रदूषण से लड़ने के लिए हमारे पास लान्ग टर्म, मिडिल टर्म और शार्ट टर्म प्लान है। लांग टर्म मेजर के तहत दिल्ली में एलिवेटेड रोड, यूरो-6 फ़्यूल की शुरूआत की जा सकती है। हमने एक सफर की शुरुआत की है। लंदन,लॉस एंजलिस जैसे शहर जहां प्रदूषण बेहद ज्यादा था, प्रदूषण के खिलाफ कदम उठाने के बाद अब ये दुनिया के सबसे साफ शहरों में से हैं। दूसरे देशों ने भी इस तरीके का एक्सपेरिमेंट किया है और नतीजे बेहद सकारात्मक हैं।
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