
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘हमने हाल में मीडिया की खबरें देखी हैं जिसमें कहा गया है कि गिलगिट बाल्टीस्तान की राजनीतिक स्थिति के संबंध में पाकिस्तान में कई विकल्पों पर विचार चल रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘इस पर भारत का रूख बिल्कुल स्पष्ट है। पूरा जम्मू..कश्मीर जिसमें पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र भी शामिल हैं, वे भारत का अभिन्न अंग हैं।’
गिलगिट बाल्टीस्तान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और चीन के साथ यह जमीन के जरिये जुड़ा हुआ एकमात्र संपर्क मार्ग है। 46 अरब डॉलर से बनने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरीडोर के भी इस इलाके से गुजरने का प्रस्ताव है जिस पर भारत विवादास्पद क्षेत्र होने के कारण आपत्ति जताता है।
उन्होंने कहा कि ‘संसाधनों के दोहन’ और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आर्थिक परियोजनाओं को लागू करने को लेकर भारत की चिंता से सभी परिचित है और वह इसे सभी संबन्धित देशों और संगठनों से साझा भी कर चुका है। इस तरह की खबरें हैं कि पाकिस्तान गिलगिट बाल्टीस्तान को अपना पांचवां प्रांत बनाने की योजना बना रहा है।
पिछले वर्ष जून में गिलगिट बाल्टीस्तान में चुनाव हुए थे। भारत ने यह कहते हुए चुनावों का कड़ा विरोध किया था कि पाकिस्तान इसके अभिन्न हिस्से को ‘जबरन और अवैध रूप से कब्जा’ करने का प्रयास कर रहा है।
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