मिड डे के वरिष्ठ पत्रकार जेडे की मुंबई में हत्या के चार साल पुराने मामले की जांच अब सीबीआइ ने शुरू कर दी है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से सौंपे गए गैंगस्टर छोटा राजन के खिलाफ 71 मामलों में से यह भी एक मामला है।
हालांकि मंगलवार को सीबीआइ ने इस मामले में दर्ज एफआइआर में छोटा राजन को नामजद नहीं किया है। नियमों के मुताबिक स्थानीय पुलिस के दर्ज मामले को सीबीआइ दोबारा दर्ज करती है। चूंकि मुंबई पुलिस ने भी अपनी एफआइआर में छोटा राजन का नाम दर्ज नहीं किया था। इसलिए सीबीआइ ने भी अपनी शुरूआती जांच शुरू करने के लिए दर्ज एफआइआर में उसका नाम नहीं दिया।
उल्लेखनीय है कि मिड डे के क्राइम बीट के संपादक 56 वर्षीय ज्योर्तिमय डे की हत्या में छोटा राजन मुख्य संदिग्ध है। बताया जाता है कि छोटा राजन के ही कहने पर मोटर साइकिल सवार शार्प शूटरों ने पवई के हीरामंडी में जेडे की 11 जून, 2011 को दोपहर 3.30 बजे गोली मारकर हत्या कर दी थी। दो बाइकों पर सवार करीब चार लोगों ने जेडे पर बीच रास्ते में पांच गोलियां दागी थीं। मुंबई पुलिस ने इस मामले में करीब एक दर्जन लोगों को नामजद किया था। उसके बाद वर्ष 2012 में पुलिस ने उनकी सहयोगी जिगना वोरा और दीपक सिसोदिया को भी इस मामले में नामजद किया था।
हालांकि मंगलवार को सीबीआइ ने इस मामले में दर्ज एफआइआर में छोटा राजन को नामजद नहीं किया है। नियमों के मुताबिक स्थानीय पुलिस के दर्ज मामले को सीबीआइ दोबारा दर्ज करती है। चूंकि मुंबई पुलिस ने भी अपनी एफआइआर में छोटा राजन का नाम दर्ज नहीं किया था। इसलिए सीबीआइ ने भी अपनी शुरूआती जांच शुरू करने के लिए दर्ज एफआइआर में उसका नाम नहीं दिया।
उल्लेखनीय है कि मिड डे के क्राइम बीट के संपादक 56 वर्षीय ज्योर्तिमय डे की हत्या में छोटा राजन मुख्य संदिग्ध है। बताया जाता है कि छोटा राजन के ही कहने पर मोटर साइकिल सवार शार्प शूटरों ने पवई के हीरामंडी में जेडे की 11 जून, 2011 को दोपहर 3.30 बजे गोली मारकर हत्या कर दी थी। दो बाइकों पर सवार करीब चार लोगों ने जेडे पर बीच रास्ते में पांच गोलियां दागी थीं। मुंबई पुलिस ने इस मामले में करीब एक दर्जन लोगों को नामजद किया था। उसके बाद वर्ष 2012 में पुलिस ने उनकी सहयोगी जिगना वोरा और दीपक सिसोदिया को भी इस मामले में नामजद किया था।
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