
भारतीय क्रिकेट के कई दिग्गजों ने पिछले दो साल में इस खेल को अलविदा कहा है। सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर ने ये मशाल अगली पीढ़ी के हाथों सौंप दी और हाल ही में वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान ने भी क्रिकेट से संन्यास ले लिया। भारत के सबसे मशहूर फुटबॉल आईकॉन बाईचुंग भूटिया की भी यही कहानी है।
ये सारे नाम किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं और रिटायरमेंट के बाद भी इनके पास करने को काफी कुछ है। लेकिन इनमें जो एक बात कॉमन है वो ये कि इन सभी दिग्गजों ने अपने रिटायरमेंट के बाद किसी न किसी क्षेत्र में निवेश जरूर किया है। आइए जानते हैं कि इन मशहूर खिलाड़ियों ने संन्यास के बाद अपने रिटायरमेंट के लिए क्या प्लान किया है।
सचिन तेंदुलकर ( नवंबर 2013 में संन्यास) : दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में शुरू हुई इंडियन फुटबॉल लीग (आईएसएल) में केरल की फुटबॉल टीम खरीदी है। इस टीम को केरल ब्लास्टर्स का नाम दिया गया है।
सौरव गांगुली (2008 में संन्यास) : भारत के सबसे आक्रामक और सफल कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली का फुटबॉल प्रेम किसी से छिपा नहीं है। हर्षवर्धन नियोटिया, संजीव गोयनका, उत्सव पारेख के साथ पार्टनरशिप कर और स्पेन की बड़े फुटबॉल क्लब एटलेटिको मैड्रिड के साथ हाथ मिला गांगुली ने आईएसएल में एटलेटिको डि कोलकाता को खरीदा जिसने इंडियन फुटबॉल लीग (आईएसएल) के पहले ही सीजन को जीत धमाकेदार शुरूआत की।
बाईचुंग भूटिया (अगस्त 2011 में संन्यास) : भारत के स्टार स्ट्राइकर बाईचुंग भूटिया ने बाईचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूल्स की अक्तूबर 2010 में स्थापना की। उन्होंने फुटबॉलर कार्लोस क्यूरेज और स्पोर्ट्स के मशहूर ब्रांड नाईकी के साथ मिलकर इस स्कूल की स्थापना की। दस महीने बाद अगस्त 2011 में भूटिया ने अंतराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कह दिया।
जहीर खान (अक्तूबर 2015 में संन्यास): भारत के महान खब्बू गेंदबाज प्रोस्पोर्ट नाम की कंपनी चलाते हैं। ये कंपनी फिटनेस ट्रेनिंग और फिजियोथेरेपी की सेवाएं प्रदान करती है। इस कंपनी के साथ टीम इंडिया के पूर्व फिजियोथेरेपिस्ट एंड्रयू लिपस और फिटनेस ट्रेनर एड्रियन लेरोक्स भी जुड़े हुए हैं।
एक शानदार करियर के बाद रिटायरमेंट के बारे में सोचना लोगों को काफी असहज कर सकता है और ये किसी के लिए भी बेहद मुश्किल फैसला हो सकता है। ऐसा फैसला लेने से पहले काफी तैयारियों और रणनीति की जरूरत पड़ती है। हालांकि
एचडीएफसी लाइफ क्लिक 2 रिटायर प्लान ऐसी ही परिस्थितियों के लिए बना हुआ है और ये कामकाजी युवाओं के लिए रिटायरमेंट प्लान बनाते वक्त बेहद कारगर साबित हो सकता है।
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