नई दिल्ली : दुनिया में मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की की है लेकिन कई बीमारियां अब भी ऐसी हैं जिनका इलाज़ ढूंढ़ पाना मुमकिन नहीं हो पाया है और दुनिया में नई-नई महामारियां भी फैल रही हैं जिसमें सबसे नया नाम है ज़ीका वायरस का। ब्राजील सहित कम से कम 20 देशों में आतंक मचाने वाले ज़ीका वायरस से जुड़े 10 तथ्य जानने ज़रूरी हैं--
- जीका वायरस ऐडीस नामक मच्छर के काटने से फैलता है आपको बता दें कि यही मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है।
- परेशानी की बात ये है कि ज़ीका वायरस से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के बच्चों का जन्म अविकसित दिमाग के साथ होता है और उनके सिर का आकार भी छोटा होता है।
- जीका वायरस को सबसे पहले वर्ष 1947 में युगांडा के बंदरों में पाया गया था।
- सबसे पहले इंसानों में इस वायरस का मामला वर्ष 1954 में नाइजीरिया में सामने आया जिसके बाद इस बीमारी ने दक्षिण पूर्वी एशिया में अपना असर फैलाया।
- इस बार अब तक अमेरिकी महाद्वीप के 20 से भी ज़्यादा देश इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। WHO के मुताबिक इन देशों में 30 से 40 लाख लोग ज़ीका वायरस के संक्रमण से पीड़ित हैं।
- ब्राज़ील, कोलंबिया, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, अल-सल्वाडोर जैसे देश इस ज़ीका वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
- ज़ीका वायरस ने सबसे ज्यादा ब्राज़ील को प्रभावित किया है जहां अक्टूबर 2015 से लेकर अब तक 4180 बच्चों का जन्म अविकसित दिमाग और छोटे सिर के साथ हुआ है।
- दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों में तो इमरजेंसी जैसे हालात बताकर महिलाओं को वर्ष 2018 तक Pregnancy टालने की हिदायत जारी की गई है।
- चिंता की बात ये है कि फिलहाल ऐसी कोई दवा या इलाज मौजूद नहीं है जो ज़ीका वायरस से लड़ सके और दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे शुरुआती महामारी का रूप मान रहे हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि चिली और कनाडा के ठंडे इलाकों को छोड़कर ज़ीका वायरस पूरे अमेरिकी महाद्वीप को अपनी चपेट में ले सकता है।
आप ये सोच रहे होंगे कि ज़ीका वायरस ने भारत से 15 हजार किलोमीटर दूर ब्राज़ील में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है और इसका आप पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि ज़ीका वायरस भारत भी पहुंच सकता है। ज़ीका वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
COMMENTS