आरा। बिहार के आरा जिले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की भोजपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। ओझा ने पिछले साल के बिहार विधानसभा चुनाव में शाहपुर सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन हार गए थे। इसी इलाके से 2005 और 2010 में उनके परिवार की मुन्नी देवी ने चुनाव जीता था और विधायक बनी थीं।
पुलिस ने बताया कि भोजपुर के सोनवर्षा बाजार में ओझा को गोली मार दी गई। गोली लगने के बाद उन्हें पटना स्थित पीएमसीएच ले जाया जा रहा था, इसी दौरान उनकी मौत हो गई। सूत्रों का कहना है कि हत्या के पीछे आपसी रंजिश का मामला हो सकता है।
ओझा को थी हत्या की आशंकाओझा ने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए कहा था कि राजनीति में मेरे दुश्मन मेरी हत्या की साजिश रच रहे हैं। इस मामले में शाहपुर थाना में मामला भी दर्ज किया गया था। ओझा पर भी 16 मामले दर्ज थे उन्होंने चुनाव के दौरान इसकी जानकारी अपने नोमिनेशन में दी थी। इनमें से 10 मामले अटेंप्ट टू मर्डर, तीन चोरी के केस और दो मर्डर का मामला दर्ज था. इसके अलावा दंगा भड़काने का भी आरोप था।
इससे पहले भी हो चुकी भाजपा नेता की हत्याप्रदेश उपाध्यक्ष की हत्या के बाद एक बार फिर बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। 6 फरवरी को बिहार के वैशाली जिले के फतेहपुर पंचायत के पूर्व मुखिया बैजनाथी सिंह की हत्या कर दी गई थी। हालांकि अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) सुनील कुमार ने इसे आपसी रंजिश में की गई हत्या करार दिया था। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई है। 11 फरवरी को छपरा में बीजेपी के लोकल नेता केदार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
भाजपा ने की गिरफ्तारी की मांगबीजेपी ने जल्द से जल्द दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। पार्टी नेता मंगल पांडे ने चेतावनी दी है कि अगर 72 घंटों के दौरान दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। इस हत्या के बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने राज्य की कानून पर सवाल खड़े किए। पार्टी नेता चिराग पासवान ने कहा कि यह राज्य में जंगलराज की वापसी को दिखाता है।
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