इस्लामिक स्टेट से खतरे से भारत के अछूता नहीं होने की चेतावनी देते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ इस खाड़ी देश का आतंकवाद रोधी सहयोग कहीं अधिक संस्थागत होने वाला है। गौरतलब है कि इस खाड़ी देश ने आईएसआईएस से संदिग्ध संपर्क रखने को लेकर करीब एक दर्जन भारतीयों को स्वदेश भेजा है।
यूएई के विदेश राज्य मंत्री डॉ अनवर मोहम्मद गरगाश ने यहां कहा, ‘कोई अस्पष्ट क्षेत्र नहीं है। हमें इस (आईएसआईएस) खतरे से निपटने की जरूरत है और कोई भी अछूता नहीं है। यदि आप सोचते हैं कि आप बचे हुए हैं तो आप लापरवाही करने जा रहे, आप झेलने जा रहे। हर कोई चाहे वह भारत हो या यूएई।’ यूएई के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहायन की बुधवार से शुरू हो रही तीन दिवसीय भारत यात्रा से पहले गरगाश ने एनडीटीवी को एक साक्षात्कार में बताया कि आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करना शाही यात्रा का एक अहम विषय होगा।
आईएसआईएस के साथ संदिग्ध संपर्क रखने को लेकर हाल के महीनों में इस खाड़ी देश से करीब दर्जन भर भारतीयों को स्वदेश भेजे जाने के मद्देनजर उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर द्विपक्षीय सहयोग बहुत अच्छा चल रहा है और आगामी 12 महीनों में यह कहीं अधिक संस्थागत होगा तथा कहीं बेहतर तरीके से काम करेगा।
गरगाश ने बताया कि यहां की अगस्त में यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूएई नेतृत्व के साथ चर्चा में ऐसा सहयोग एक अहम हिस्सा होगा।
आईएस से पैदा हुए खतरे का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि कोई भी देश अछूता नहीं है। हमें इस खतरे का मुकाबला करने के लिए किसी भी तरह के चरमपंथ और आतंकवाद के खिलाफ कहीं अधिक सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चहिए। कोई अच्छा या बुरा आतंकवादी नहीं है।
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