चंडीगढ़। हरियाणा कैबिनेट ने जाट आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। सरकार ने जाटों समेत चार अन्य जातियों को भी सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने की व्यवस्था पर मुहर लगा दी अब इस बिल को विधानसभा में पेश किया जएगा।
सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग में जाटों को आरक्षण के लिए नई कैटेगरी बैकवर्ड क्लास (बीसी-3) का प्रावधान किया गया।
इससे पहले पिछड़ों को बैकवर्ड क्लास में दो कैटेगरी बीसी-1 और बीसी-2 के तहत 27 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। जाट समुदाय बैकवर्ड क्लास के तहत ही आरक्षण की मांग कर रही थी। फिलहाल इस क्लास में बीसी-ए को 16 फीसदी और बीसी-बी को 11 फीसदी आरक्षण मिल रहा है।
फरवरी में जाटों ने हरियाणा में ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था। नौ दिन तक चले इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था और इसमें 30 लोगों की जान चल गई थी। आंदोलन में करोड़ों रुपये की निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग में जाटों को आरक्षण के लिए नई कैटेगरी बैकवर्ड क्लास (बीसी-3) का प्रावधान किया गया।
इससे पहले पिछड़ों को बैकवर्ड क्लास में दो कैटेगरी बीसी-1 और बीसी-2 के तहत 27 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। जाट समुदाय बैकवर्ड क्लास के तहत ही आरक्षण की मांग कर रही थी। फिलहाल इस क्लास में बीसी-ए को 16 फीसदी और बीसी-बी को 11 फीसदी आरक्षण मिल रहा है।
चार अन्य को भी आरक्षण
जाट समुदाय के साथ सरकार जिन अन्य चार जातियों को आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। वो हैं जाट सिख, बिश्नोई, त्यागी और रोर जाति। इससे पहले रविवार को जाटों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति ने धमकी दी थी कि अगर 31 मार्च तक जाटों को आरक्षण नहीं दिया गया तो फरवरी से भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।फरवरी में जाटों ने हरियाणा में ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था। नौ दिन तक चले इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था और इसमें 30 लोगों की जान चल गई थी। आंदोलन में करोड़ों रुपये की निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
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