नई दिल्ली। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जमानत देने से पहले दिल्ली हाईकोर्ट जज उन्हें देशप्रेम का पाठ पढ़ाया। जस्टिस प्रतिभा रानी ने राष्ट्रभक्ति भरे एक गीत का हवाला देते हुए पूछा, \'रंग हरा हरि सिंह नल्वे से, रंग लाल है लाल बहादुर से, रंग बना वसंती भगत सिंह, रंग अमन का वीर जवाहर से, मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती। ये राष्ट्रभक्ति से भरा गीत संकेत देता है कि हमारी मातृभूमि के प्रति प्यार के अलग-अलग रंग हैं। वसंत के इस मौसम में जब चारों ओर हरियाली है और चारों ओर फूल खिले हुए हैं, ऐसे में जेएनयू कैंपस से शांति का रंग क्यों गायब हो रहा है। जेएनयू के टीचरों व छात्रों जवावदेही है कि वह इसका जवाब दें।
6 महीने की जमानत
बुधवार को कन्हैया को देशद्रोह मामले में हाई कोर्ट ने सशर्त छह महीने की जमानत दे दी। अदालत ने 10 हजार रुपए की जमानत राशि पर कन्हैया को जमानत दी है। कोर्ट ने शर्त लगाई है कि इजाजत के बगैर कन्हैया देश छोड़कर न जाएं।सेना के जवान लगाते हैं जान की बाजी
कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति के अधिकार के साथ हमारे कुछ कर्तव्य भी हैं, जिसे समझने की जरूरत है। अगर कोई आजादी के नारे लगाता है, तो वह यह नहीं सोच पाता कि वह सुरक्षित इसलिए है क्योंकि हमारे जवान वहां अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं, जहां ऑक्सीजन तक नहीं है।जस्टिस प्रतिभा रानी की पीठ ने कहा कि अगर किसी के पैर में इन्फेक्शन हो जाता है तो उसका पहले एंटीबायॉटिक से इलाज किया जाता है। अगर वह ठीक नहीं होता तो अगला कदम उठाया जाता है। अगर उससे भी ठीक न हो तो फिर उसकी सर्जरी की जाती है। विडियो फुटेज में कन्हैया देशद्रोही नारे लगाते नहीं दिख रहे हैं। लेकिन गवाहों के बयान हैं कि वह उक्त घटना में सक्रिय थे।
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